25 जेसीबी एवं 15 ट्रक चारा के लिए हरी झंडी दिखाया जाएगा : देवेंद्र जैन -समस्त महाजन
रिपोर्ट: डॉ. आर. बी. चौधरी
बाड़मेर (राजस्थान)। जीव दया ,पशु कल्याण ,ग्राम विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के दिशा में कार्यरत मुंबई स्थित प्रख्यात स्वयंसेवी संस्था-“समस्त महाजन” के कार्यकर्ता पिछले एक हफ्ते से राजस्थान में अकाल पीड़ित पशुओं के प्राण रक्षा के लिए गांव-गांव घूम रहे है और चारा -दाना तथा तथा पानी की व्यवस्था मुहैया करा रहे है. समस्त महाजन का यह कार्य बड़े ही तनमयता के साथ जारी है। समस्त महाजन के ट्रस्टी देवेंद्र भाई जैन आज अपने प्रेरणा स्रोत एवं मार्गदर्शक गिरीश शाह की अनुपस्थिति में संस्था की ओर से आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि वह कल से अपने स्वयंसेवकों और प्रतिनिधियों के साथ बाड़मेर जनपद के अकाल पीड़ित भारत पाक सीमावर्ती इलाके के गांव में जाकर तत्कालीन एवं दीर्घकालिक पशु प्राण बचाओ अभियान का सघन कार्यक्रम चलाएंगे । उन्होंने बताया कि फिलहाल यह कार्य पहले से आरंभ चलरहा है किंतु कल से उनकी संस्था का यह अभियान युद्ध स्तर पर किया जाएगा और वह अकाल से उत्पन्न पशुओं की पीड़ा से निजात पाने के लिए काम करेंगे ताकि साधन हीन ग्रामीणजन को उन्हीं के मौजूदा संसाधनों के माध्यम से टिकाऊ व्यवस्था बनाया जा सके।
देवेंद्र जैन अपने संस्था के संस्थापक गिरीश शाह के अनुपस्थिति का याद करते हुए सबसे पहले बाड़मेर जनपद के लोगों से उनकी अनुपस्थिति मैं भी अपने सेवा का बेहतर परिणाम देने का वादा किया और बताया कि कल से उनकी संस्था की ओर से 25 जेसीबी तथा 15 ट्रकों (10 ट्रक श्रीनाकोड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ एवं 5 ट्रक सिंघवी पानी देवी मोहनलाल जी मुथा सोमवाड़िया परिवार-चेन्नई ) में भरे हुए हरे चारे के एक जत्थे को प्रदेश के कई गणमान्य व्यक्ति हरा झंडा दिखाकर बाड़मेर से अकाल पीड़ित क्षेत्र में तत्कालीन एवं स्थाई व्यवस्था बनाने के लिए अपनी शुभकामना देंगे। उन्होंने बताया कि अब तक फुल 36 लाख रुपए का चारा दाना और पानी वितरित किया जा चुका है। बाड़मेर में आयोजित पशु प्राण बचाओ अभियान की शुरुआत के बाद सीमावर्ती क्षेत्र के 25 गांव में जल प्रबंधन की व्यवस्था, चारागाह एवं वन रोपण के साथ साथ ग्रामीणों के लिए शिक्षण- प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे ताकि वहां के लावारिस और अनाथ पशुओं की अकाल से दुर्दशा और पीड़ादाई मृत्यु से छुटकारा पाया जा सके।जैन ने बताया कि अभी पिछले सप्ताह 17 से 19 मई के बीच में जीवदया एवं गोशाला प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें बाड़मेर ,जैसलमेर और मेवाड़ के तमाम गौशाला कार्यकर्ता शामिल थे जिसमें प्रतिभागी गौशालाओ को ₹25 लाख का अनुदान भी दिया गया ।
जैन ने प्रेस वार्ता के दौरान यह भी बताया कि स्थाई व्यवस्था बनाने के लिए उनकी संस्था गांव की पारंपरिक जल व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए तालाबों के पुनर्जीवन का कार्य करेगा और बरसाती पानी को एकत्र करके पशु पेयजल की चुनौती से मुकाबला करने का रास्ता बनाएगा । उन्होंने बताया कि पूरे देश में 72,000 एकड़ भूमि ऐसी है जो गोचर भूमि के रूप में गो संवर्धन हेतु छोड़ी गई थी किंतु नाजायज अधिग्रहण होने के नाते हमारे गोवंश दर- दर की ठोकर खाते हैं। देशभर में लगभग 48,000 लाख तालाब और पोखरे हैं अर्थात हर एक गांव में 6 से 8 तालाब मिलेंगे जिनकी कुव्यवस्था के कारण जल संचय क्षमता करीब-करीब नदारद है।इसलिए उनकी संस्था इसके पुनर्जीवन के लिए समर्पित है। पारंपरिक वृक्षारोपण सिद्धांत की चर्चा करते हुए कहा कि पीपल,बरगद ,आम ,जामुन नीम, इमली , हरै-बहेड़ा ,आंवला तथा बेल आदि कई प्रकार केअनेक ऐसे वृक्ष होते हैं जिस पर पक्षीयों का बेहतर बसेरा होता है और ऐसे वृक्ष जहां एक तरफ छाया प्रदान करते हैं,वहीं दूसरी तरफ शुद्ध हवा और अपने फल- फुल द्वारा तमाम जीव जंतुओं की भरण पोषण करते हैं। ऐसे वृक्ष अपने औषधीय गुणों के कारण मानव समुदाय के लिए कल्पवृक्ष जैसी भूमिका निभाते हैं यही कारण है कि हम उनकी पूजा करते हैं और उनकी चर्चा हमारे पुराणों में भी मौजूद है। यह बात विज्ञान की कसौटी पर पूर्णतया खरा पाया हैं।
उन्होंने बताया कि समस्त महाजन पिछले दो दशकों से जीव दया,पशु कल्याण,ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण का काम कर रहा है जिसके लिए गिरीश शाह के विलक्षण सेवा एवं उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया चुका है तथा जीव दया के उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड का सदस्य भी नामित किया गया है। समस्त महाजन की कई महत्वपूर्ण सेवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अपने देश में चेन्नई की सुनामी,ओडिशा की फैनी चक्रवात,श्रीनगर में बचाव कार्यक्रम ,बिहार के भयावह बाढ़ सहायता से लेकर नेपाल में पशुओं की बलि प्रथा रुकवाने जैसे मामले में उनकी संस्था अगुवाई कर चुकी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिणधरी मठाधीश महंत रघुनाथ भारती ने बताया कि अकाल से निपटने के लिए सरकार को अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है और यह कार्य न तो कोई संस्था कर सकती है और न तो कोई अकेला ,यह कार्य जनता का है ,उसे करने देना चाहिए। इसलिए, जनता को जगाने के लिए हमें स्वयं काम करके दिखाना होगा। महंत रघुनाथ भारती समस्त महाजन के कार्यों की प्रशंसा की और कहा कि इस प्रकार से स्वयंसेवी संस्थाएं विपत्ति काल में अपना हाथ बढ़ाएं तो देश में आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा।
प्रेस वार्ता में राजस्थान गौ सेवा इकाई बाड़मेर के जिला अध्यक्ष एडवोकेट जेठमल जैन ने अकाल पीड़ित क्षेत्रों में समस्त महाजन द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। इस अवसर पर लूणकरण सिंघवी,कन्हैया लाल खंडेलवाल एवं डॉ. आर. बी. चौधरी ने भी अपने अनुभव साझा किए। प्रेस वार्ता मैं शामिल महानुभावों का परिचय देते हुए समस्त महाजन के जोधपुर जिला के प्रभारी नटवरलाल थानवी ने सभी पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के प्रति आभार प्रकट किया और समस्त महाजन द्वारा आयोजित कल के कार्यक्रम में शरीक होने के लिए आमंत्रित किया।
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