आरा जीआरपी पर महिला को सरकारी आवास में घण्टो ताले में बंद रखने का आरोप
आरा(डिम्पल राय)। केंद्र की मोदी सरकार एवं राज्य की नीतीश सरकार महिला शशक्तिकरण को लेकर सख्त है। मगर भोजपुर जिले में तैनात उनके ही नुमाइंदे सरकार के सपनो को पतीला लगा महिला शशक्तिकरण की धज्जियाँ उड़ाने पर तुले है। ताजा मामला आरा जंक्सन स्थित आरा जीआरपी से जुड़ा है। घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि अपने ससुराल से गुस्से में निकली महिला आरा स्टेशन आई थी। जिस पर आरा जीआरपी के पुलिसकर्मियों की नजर पड़ी तो उसे पूछताछ के बहाने आरा जंक्सन परिसर में बने सरकारी आवास में ले जाकर बिना किसी महिला पुलिसकर्मी के ताले में बंद कर दिया। जब देर शाम जीआरपी थानाध्यक्ष राजनाथ राय के सरकारी आवास में सुबह से ताले में किसी महिला के बंद होने की सूचना पत्रकारों के बीच पहुँची, पत्रकार तत्काल बिना कोई क्षण गवाए जीआरपी थाना पहुँच थानाध्यक्ष राजनाथ राय से सवालों की झड़ी लगा दी, मगर थानाध्यक्ष राजनाथ राय ने इस तरह के किसी भी मसले से इंकार कर दिया। इतेफाक से उसी वक्त दानापुर रेल मंडल के रेल इंस्पेक्टर संजीव कुमार निरिक्षण में आरा पहुँचे थे। मामला उनके संज्ञान में आते ही मामले के तह तक पहुँचने के लिए उन्होंने जीआरपी थानाध्यक्ष राजनाथ राय के सरकारी आवास तक को खंगाल डाला, हालाकि वहा कोई महिला या लड़की नही मिली। लेकिन कुछ ही देर बाद पीड़ित महिला ने खुद थाने में उपस्थित होकर थानाध्यक्ष राजनाथ राय के सरकारी आवास में सुबह से ताले में बंद होने की आपबीती सुना डाली। वही इस मसले पर पत्रकारों ने विशेष जानकारी लेनी चाही तो जीआरपी थाने में तैनात एएसआई विपिन कुमार पत्रकारों के साथ भीड़ बैठे और अभद्र व्यवहार करने लगे। एएसआई विपिन कुमार ने पत्रकारों को यहाँ तक धमकी दे डाली की अगर इस मामले को यही दबाया नही गया तो इस न्यूज में मौजूद तमाम पत्रकार मुकदमा झेलने के लिए तैयार रहे। अब सवाल ये उठता है कि क्या सरकार के इतने कोशिशों के बावजूद भी महिला इस देश में सुरक्षित है? इस पूरे मसले ने आरा जीआरपी में तैनात पुलिसकर्मियों पर कहीं ना कहीं सवालिया निशान खडा कर दिया है। क्योंकि जब हमारी रक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ही ऐसी हरकत करने लगे तो हम किस से अपनी सुरक्षा की उम्मीद करें। एएसआई विपिन कुमार के रवैये ने स्पष्ट कर दिया है कि कहीं ना कहीं दाल में काला है और आरा जीआरपी इस तरह के और भी कई मामलों में संलिप्त है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी की पुलिस विभाग के मुखिया गुप्तेश्वर पांडेय इस तरह के मामलों पर क्या कार्यवाही करते है।
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