नवनियुक्त 43 सहायक अभियोजन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ उद्घाटन
पटना ( अ सं ) । सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान हाजीपुर में नवनियुक्त अभियोजन पदाधिकारियों के तीन माह के प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन संयुक्त रूप से गृह विभाग के विशेष सचिव सह आईजी पारसनाथ, आईजी जेल सह सुधार सेवाएं मिथलेश मिश्र ,अभियोजन निदेशक शलिलेश कुमार ,संयुक्त सचिव सह संयुक्त निदेशक प्रदीप कुमार ,उप निदेशक विजय प्रताप सिंह ,बीआईसीए के नीरज कुमार ने किया ।
उप निदेशक अभियोजन विजय प्रताप सिंह ने कहां की सौम्यता के साथ सभी प्रशिक्षु को सीखने की सलाह दिया और कहां की तीन माह का यह प्रशिक्षण इनके जीवन और कार्य में गहरा प्रभाव छोड़ेगा।
संयुक्त सचिव सह संयुक्त निदेशक अभियोजन प्रदीप कुमार ने कहां की कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से कठिनतम विषय को आसानी से समझा जा सकता हैं और सफलता पाया जा सकता हैं ।
निदेशक अभियोजन शलिलेश कुमार ने अदालती बारिकियों पर प्रकाश डाला तथा सेवा में उत्पन्न होने वाली व्यवहारिक समस्याओं का भी निदान बताया ।किस तरह से अपील की जाती है, पोशाक कैसे पहनना है, समय से कोर्ट पहुंचना और जाना के साथ पीड़ितों को सही सलाह देने के बारे में बताया ।
जेल आईजी मिथलेश मिश्र ने अपने संबोधन में बताया की सही अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान से कानून पर लोगों को भरोसा रहता हैं । अभियोजन पदाधिकारी का जिम्मेवारी बनती हैं की वह अपने दिशा -निर्देश और निगरानी में केस डायरी और चार्जशीट दाखिल कराएं । निर्दोष फंसे नहीं और दोषी किसी कीमत पर बचे नहीं ,इसका सदैव ख्याल रखें और यह सही अनुसंधान से ही तय होती हैं ।
आईजी पारसनाथ ने बताया की त्वरित कार्रवाई और केस का जल्द निपटारा से दोषी को बचने का चांस कम रहता हैं । इसलिए ,इसे गंभीरता से लेने की जरूरत हैं । अनुसंधान सटीक करें ताकि दोषी बचे नहीं ।
इस मौके पर उप निदेशक बीआईसीए अरूण पासवान ,रवीकांत देव, शांति कुमार मिश्रा ,रमेश कुमार ,संजय कुमार सिंह ,सुश्री शिखा शर्मा ,डा रविरंजन कुमार आदी मौजूद थे।
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