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Tuesday 14 May 2019

कुंभ पुरस्कारों पर मुख्यालय के अफसरों का कब्जा!

सीएम व परिवहन मंत्री तक की बातों को किया नजरअंदाज

ड्राइवर-कंडक्टर को भूल आपस में ही बांट लिया प्रशस्ति पत्र

कुंभ में बसों की निर्बाध सेवा देखकर गिनीज की टीम भी रह गई थी दंग

रवि गुप्ता
लखनऊ। दिन-रात जिस परिश्रम के साथ रोडवेज के ड्राइवर-कंडक्टर ने कुंभ मेले में निर्बाध और निरंतर बसों का संचालन किया, उसका प्रतिफल यह रहा कि पहली बार उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का नाम ‘गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज हो पाया। यही नहीं आरएम व एआरएम अधिकारियों की टीम ने भी लगातार कुंभ मेले में परिवहन सुविधाओं पर नजर रखी। लेकिन जब सम्मान या प्रशंसा मिलने की बारी आयी तो रोडेवज मुख्यालय के आला अफसरों ने कुंभ की सफलता का पूरा के्रडिट अपने हिस्से में कर लिया। जबकि कुंभ समापन के बाद स्वयं मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री ने भी सार्वजनिक रूप से इसके सफलतम आयोजन के मद्देनजर चालकों, परिचालकों सहित सभी संबंधित अधिकारियों को सम्मानित करने की घोषणा की थी। लेकिन यहां पर तो स्वयं सूबे के मुखिया और विभागीय मंत्री तक की बातों को नजरअंदाज कर दिया गया।

हैरत तो तब हुई जब प्रशस्ति पत्र एक-दो ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों को भी दिया गया, जो पूरे कुंभ मेले के दौरान शायद ही कभी तल्लीनता के साथ ड्यूटी करते दिखायी दिए हों। बता दें कि कुछ दिन पूर्व ही मुख्यालय पर नवागत एएमडी राधेश्याम ने मुख्यालय के ही तकरीबन एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों को कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से प्रदत्त प्रशस्ति पत्र का वितरण किया। अपने उच्चाधिकारी द्वारा मिले इन प्रशस्ति पत्र को पाकर मुख्यालय के आला अधिकारी फूले नहीं समाये। इस दौरान इन्हें जरा भी एहसास नहीं हुआ कि इसके पीछे कहीं न कहीं ड्राइवर-कंडक्टरों सहित उनके कुछ अधीनस्थ रोडवेज अधिकारियों की भी सहभागिता है।
गौर हो कि हाल-फिलहाल बीते कुंभ मेले में पूरी दुनियां की निगाहें तब यूपी रोडवेज की तरफ आकृष्ट हुर्इं जब निगम की 503 रोडवेज बसों ने कतारबद्ध होकर बिना रुके लगातार कई किमी तक का सफर तय किया। ऐसे में वहां पर मौजूद गिनीज की टीम ने इन बसों की स्टैयरिंग थामने वाले ड्राइवरों और कंडक्टरों की खूब तारीफ की। साथ ही इसी दौरान उन एआरएम अफसरों की टीम की भी प्रशंसा हुई जिनके बेहतर मार्गदर्शन व स्थानीय प्रबंधन में पूरे कुंभ मेले के दौरान रोडवेज की नि:शुल्क शटल बस सेवाओं का सफल संचालन संभव हो सका। वहीं इस मामले पर उप्र रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री गिरीश चंद्र मिश्र से बात की गई तो उनका यही कहना रहा कि जमीनी धरातल पर तो हमारे चालक-परिचालक ने ही कुंभ मेले में रोडवेज की पूरी कमान संभाली जिसका परिणाम यह रहा कि पूरे निगम का नाम दुनियां में लिया जा रहा है, ऐसे में ये भी सम्मान के हकदार हैं। कहा तो यह भी गया था कि कुंभ मेले में ड्यूटी करने वाले रोडवेज कर्मियों को अलग से एक माह का वेतन भी दिया जायेगा, जिसका आज तक अता-पता नहीं है।

‘कुंभ की सफलता हमारे लिए ऐतिहासिक है। ऐसा नहीं है, जो रिकॉर्ड बना है उसमें कुंभ मेले में परिवहन व्यवस्था से जुड़े सभी रोडवेज कर्मियों की सामूहिक भागीदारी है। टीम से जुडे समस्त आरएम, एआरएम व चालक-परिचालकों को भी इसका क्रेडिट दिया जायेगा और उन्हें पूर्व घोषणा के तहत सम्मानित किया जायेगा।’- स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन मंत्री उप्र (स्वतंत्र प्रभार)

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