पेइचिंग। चीन में उइगर मुसलमानों पर सख्ती बरतने का दौर जारी है। शिनझियांग प्रांत में लाखों उइगर मुसलमानों को कैंपों में नजरबंद करने के बाद अब उन पर तकनीकी पहरे लगाए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के साथ चीन की सख्ती लगातार जारी है और इस कारण उइगर मुसलमानों में डर का माहौल है। चीनी प्रशासन का तर्क है कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उइगर समुदाय के कुछ लोग समाज में अलगाववाद की भावना भड़काने का काम कर रहे हैं।
कौन हैं उइगर मुसलमान
मध्य और पूर्वी एशिया के मूल रूप से तुर्क होते हैं उइगर। चीन के शिनझियांग प्रांत में लगभग 11 मिलियन उइगर मुसलमान हैं। ज्यादातर उइगर इस्लाम धर्म को मानते हैं और चीन में यह धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय है। शिनझियांग प्रांत में उइगर लोगों की संख्या 44% है और इनमें से लगभग 41% उइगर इस्लाम धर्म मानते हैं।
शिनझियांग में हर कदम पर पहरा
चीन ने उइगर मुसलमानों की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए हाईटेक तकनीक जिसमें कृत्रिम इंटेलिजेंस का प्रयोग शामिल है कर रहा है। डिटेंशन कैंप के बाहर रहनेवाले उइगर समुदाय के लोगों पर भी प्रशासन की पैनी नजर रहती है। उइगर मुसलमानों के फोन, लोकेशन, फोन डेटा, आईकार्ड और गाड़ियों की भी ट्रैकिंग की जाती है।
मोबाइल ऐप से हर ऐक्टिवटी जांच के दायरे में
मोबाइल ऐप के जरिए उइगर मुसलमानों की निजी सूचना, और प्रत्येक गतिविधि की जानकारी प्रशासन तक पहुंचती रहती है। छोटी से छोटी संदिग्ध गतिविधि पर भी प्रशासन सख्ती से निपटता है। चीनी प्रशासन चेहरे से पहचान करनेवाली हाईटेक तकनीक का प्रयोग भी उइगर मुसलमानों के लिए कर रहा है। साथ ही चीन की बहुत मंहगी सर्विलांस नेटवर्क की जद में भी उइगर समुदाय के लोग होते हैं।
नमाज के लिए भी नहीं आते उइगर मुसलमान
प्रशासन की सख्ती का आलम यह है कि चीन के मशहूर काह मस्जिद में प्रार्थना के लिए आनेवाले लोगों की संख्या बहुत कम रहती है। शुक्रवार को मुसलमानों के लिए खास दिन माना जाता है, लेकिन इस दिन भी कम हीं संख्या में उइगर मुसलमान प्रार्थना के लिए पहुंचते हैं। नमाज के लिए आनेवाले लोगों को पहले सुरक्षा प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है और फिर कैमरे और सर्विलांस की निगरानी में ही नमाज पढ़नी होती है।
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