नई दिल्ली : इस दिन मोदी कैबिनेट भी शपथ लेगी। सरकार ने इस बार शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने के लिए बिम्सटेक देशों को न्योता दिया है। बिम्सटेक एक क्षेत्रीय सहयोग संगठन है जिसमें दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के भारत के पड़ोसी देश शामिल हैं। बिम्सटेक में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, थाइलैंड और म्यांमार शामिल हैं। इसके अलावा किर्गिस्तान और मॉरीशस को न्योता भेजा गया है। खास बात है कि भारत ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए पाकिस्तान को निमंत्रण नहीं दिया है। इस कदम से भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अभी उसके साथ आगे बढ़ने का इच्छुक नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों को राष्ट्रपति भवन में शाम सात बजे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पीएम और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों को आमंत्रित किया था। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समरोह में शरीक हुए थे। चुनाव में जीत पर पाक पीएम इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर उन्हें बधाई दी। शपथ ग्रहण समारोह के लिए जिन राष्ट्रों को निमंत्रण भेजा गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं।
शेख हसीना (बांग्लादेश)
आंग सान सू की (म्यांमार)
रानिल विक्रमसिंघे (श्रीलंका)
प्रायुत चान ओ चा (थाइलैंड)
के पी शर्मा ओली (नेपाल)
लोटे तशरिंग (भूटान )
इनके अलावा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वर्तमान अध्यक्ष एवं किर्गिस्तान के राष्ट्रपति तथा मारीशस के प्रधानमंत्री को भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री इस वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस पर मुख्य अतिथि थे।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस बार भी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगी। हसीना मंगलवार से चार दिनों की विदेश यात्रा पर रवाना हो गईं। उनकी जगह बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद उनकी नुमाइंदगी करेंगे। हसीना 2014 के पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हो पाई थीं। उस समय बांग्लादेश की संसद के स्पीकर शिरीन शर्मिन चौधरी भारत आए थे। म्यांमार से आंग सान सू की अथवा राष्ट्रपति विन मिंट भारत आएंगे यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने प्रचंड जीत हासिल की है। भाजपा अकेले बहुमत का आंकड़ा प्राप्त करते हुए 303 सीटों पर जीत दर्ज की है। एनडीए के खाते में 353 सीटें गई हैं। जबकि कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूपीए को भीषण हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस को इस बार 52 सीटें मिली हैं जो पिछले बार से 8 सीटें अधिक हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
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