धर्म अध्यात्म के अनुसार कुछ जीवन को खुशहाल बनाने के लिए व्यक्ति को कुछ नियमों का पालन करना अच्छा माना गया है। कुछ लोगों को लगता है कि धर्म अध्यात्म के कुछ शास्त्रीय नियमों का पालन कर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें शास्रीय नियमों में बंधकर रहना नहीं चाहते हैं। धर्म अध्यात्म के अनुसार सुबह उठते ही हथेली का दर्शन करना शुभ माना जाता है।
सुबह उठकर हथेली देखना
शास्त्रीय मान्यता है कि आंख खुलने के बाद पहला काम मनुष्य को हथेली का दर्शन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर हथेली का दर्शन करना सुखमय जीवन के लिए अत्यंत शुभ होता है।
धर्म शास्त्रों में ऐसा वर्णन मिलता है कि मनुष्य की हथेली में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा, धन की देवी लक्ष्मी और सुख-समृद्धि की देवी सरस्वती इन तीनों का वास होता है। इसलिए सुबह-सुबह हथेली में स्थित इनका दर्शन करना शुभ माना जाता है।ये है कारण
वस्तुतः इस बात से बहुत लोग अनभिज्ञ हैं कि आखिर सुबह उठते ही हाथ देखने का क्या अर्थ है। क्या इसका संबंध हमारे हाथों की लकीरों से हैं? या फिर हमारी किस्मत से। शास्त्रीय मान्यता
हथेली देखने का मंत्र
‘आचार्यप्रदीप’ के एक श्लोक में कहा गया है – “कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्।।
ब्रह्मा, लक्ष्मी और सरस्वती का वास
अर्थात हथेली के सबसे आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और मूल (जड़) भाग में ब्रह्मा जी निवास करते हैं। इसलिए सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना करना चाहिए, ताकि दिन अच्छा व्यतीत हो। साथ ही तीनों देव हमें आशीर्वाद प्रदान करें।
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