गोण्डा। गोंडा जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां एक पति ने अपनी 70 वर्षीय पत्नी को तीन तलाक दे डाला। पीड़ित वृद्ध महिला इस उम्र में अधिकारियों के यहां चक्कर काट थक कर गुजारे के लिए परिवार न्यायालय में अर्जी लगाई है।
मामला कोतवाली नगर के हाफिज़ पुरवा से जुड़ा है जहां की वृद्ध महिला कमरजहां का आरोप है कि उसके पति ने इस बुढ़ापे में उसे तलाक दे दिया है। उसका आरोप है कि उसके पति का चाल चलन ठीक नहीं है। जिसकी वजह से वह रोजाना उसके साथ मारपीट किया करता था और उसी के चलते उसने एक साथ तीन तलाक बोल कर संबंध विच्छेद कर लिया। मामले की शिकायत लेकर महिला कई स्थानीय थाने पर गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिस पर पीड़ित वृद्ध महिला ने परिवार न्यायालय में गुजारे के लिए अर्जी लगाई है।
बेटो ने भी किया बाहर:
तीन तलाक के मुद्दों पर छिड़ी जंग के बीच सौहरों का तीन तलाक देने का मामला भी थमने का नाम नहीं ले रही। उन्हीं में शामिल एक 70 वर्षीय वृद्ध महिला कमरजहां की दास्तां भी कम नहीं। वृद्ध महिला कमरजहां ने अपनी बात बताई। उसका कहना है कि इस उम्र में पति को खोने का मलाल तो है ही लेकिन उसके साथ बेटों का अलग होने का गम उसके कलेजे को नोचने जैसा लग रहा है। महिला ने कहा कि पहले तो पति ने तलाक दे दिया। उसके बाद उसके पांच बेटो ने भी उससे मुंह फेर लिया। ऐसे में उसके ऊपर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसका कहना है कि पति की मार से हाथ पैरों में इतना दर्द है कि ठीक से उससे चलते नहीं बनता।
टाफी, बिस्किट बेच चला रही खर्चा:
कोतवाली नगर के हाफिज पुरवा में रह रही कमरजहां ने बताया कि जब उसके पति और बेटो ने घर से निकाल दिया तो ऐसे में उसके सामने खाने पीने की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई। घर के खर्च से बचाए हुए एक हजार रुपए में उसने टाफी बिस्किट लाकर बेच खर्च चला रही है।
शुक्रवार को तीन तलाक बिल पेश किए जाने पर वृद्ध महिला कमरजहां ने मोदी सरकार की जमकर सराहना की। पीड़ित महिला ने कहा कि तीन तलाक खत्म होना चाहिए। क्योंकि इससे न जाने कितनी ही मुस्लिम महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। उसने कहा कि जब हम जैसे बुजुर्ग का ये हाल है तो आजकल की नौजवान बेटीयों का क्या हाल होगा। मोदी सरकार तीन तलाक पर जो कर रही है वो सभी मुस्लिम महिलाओं के लिए बेहतर ही होगा।
तीन वकीलों के पैनल ने निशुल्क केस लिया:
70 वर्षीय कमरजहां के मामले को तीन वकीलों के पैनल ने महिला की गरीबी को देख निशुल्क केस लड़ रहे है। जिसमें निचली अदालत के मनोज कुमार मिश्रा हाईकोर्ट से विजय पाण्डेय व राकेश मिश्रा शामिल है।
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