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Monday, 3 June 2019

शिवसेना के मुखपत्र सामना में पाकिस्तान को शराबी बंदर कहा गया

नई दिल्ली: शिवसेना के मुखपत्र सामना में पाकिस्तान को शराबी बंदर कहा गया है। इसमें कहा गया है कि इमरान खान लोकतंत्र से चुनकर आए प्रधानमंत्री हैं, यह भ्रम है। इस संपादकीय में भारतीय उच्चायोग के मेहमानों के साथ इस्लामाबाद में हुई बदसलूकी का जिक्र है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी बंदरों ने शराब पीकर तमाशा किया है। सरकार इस तमाशे को न भूले।

सामना के संपादकीय में लिखा है, ‘पाकिस्तान की अवस्था शराब पीकर मदमस्त हुए बंदर के समान हो गई है। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में मदमस्त बंदरों द्वारा मचाया गया कोलाहल असहनीय है। इसमें आए मेहमानों के साथ पाकिस्तानी अधिकारियों ने अशोभनीय बर्ताव किया। निमंत्रित मेहमानों को होटल के प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया गया। कई लोगों को धमकाकर वापस लौटा दिया गया।’

इसमें कहा गया, ‘इफ्तार पार्टी के मौके पर जो कुछ कराया गया, उसे शांति प्रक्रिया के लिए उठाया गया कदम मानें क्या? पाकिस्तान का दिखावा एक बार फिर सामने आ गया है। पाकिस्तान किसी भी तरह की चर्चा करने योग्य देश नहीं है।’

लेख में कहा गया कि पाकिस्तान देश नहीं बल्कि वैश्विक आतंकवाद की ‘फैक्ट्री’ बन चुका है। आईएसआई और पाकिस्तानी सेना मिलकर पाकिस्तान पर नियंत्रण रख रहे हैं। इमरान खान लोकतंत्र की राह चुनकर आए प्रधानमंत्री हैं, यह भ्रम है। पाकिस्तान के पास नेतृत्व नहीं है, न ही दिशा है। दिल्ली के पाक उच्चायुक्त की इफ्तार पार्टी पर भारत सरकार ने नियंत्रण लगाया क्योंकि उस पार्टी में कश्मीर के अलगाववादियों को आमंत्रित किया गया था। हिंदुस्थान की सार्वभौम स्वतंत्रता को चुनौती देने वाले पाक उच्चायुक्त को दिल्ली में बुलाकर शीर-कुरमा खिलाने वाले होंगे तो उन्हें रोकना ही पड़ेगा क्योंकि इस्लामाबाद के हिंदुस्थानी उच्चायुक्त ने ऐसा कुछ भी नहीं किया था। इसीलिए हम कहते हैं पाकिस्तानी बंदरों ने शराब पीकर तमाशा किया है। सरकार इस तमाशे को न भूले।

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