पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, उसके कुछ ही घंटे बाद ही बीजेपी और जदयू ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। लेकिन ना तो बीजेपी के नेता जदयू के इफ्तार पार्टी गए और ना ही जदयू के नेता ने बीजेपी के इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। इससे ऐसा अनुमान लगाया जाने लगा कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है।
पहले की तरह जदयू ने हज भवन में इफ्तार पार्टी आयोजित की थी। हलांकि कोई भी बीजेपी नेता इस मौके पर उपस्थित नहीं थे। सूत्रों ने बताया कि आरजेडी की सहयोगी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस इस इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। उधर बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी एक इफ्तार पार्टी आयोजित की थी। जिसमें कोई भी जदूय नेता उपस्थित नहीं थे। आरजेडी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने घर पर इफ्तार आयोजित की थी। जीतन राम मांझी और शिवानंद तिवारी समेत महागठबंधन के कई नेता शामिल हुए थे।
बीजेपी को धोखा देंगे नीतीश?
एनडीए की पूर्व सहयोगी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी को आगाह किया कि नीतीश कुमार उसे धोखा देंगे और उसे जदयू अध्यक्ष के धोखा नंबर 2 के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं बीजेपी को बताना चाहता हूं कि नीतीश कुमार लोगों के जनादेश का अपमान करने के लिए जाने जाते हैं। लोगों के जनादेश और गठबंधन के सहयोगियों को धोखा देना उनकी पुरानी आदतें हैं। बीजेपी को धोखा नंबर 2 के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नीतीश ने ठगा नहीं। उन्होंने कहा कि यह कहावत जल्द ही सच में बदल जाएगी और इसलिए बीजेपी को सतर्क रहना चाहिए।
आठ मंत्रियों को शपथ
नीतीश कुमार ने रविवार को अपने मंत्रिमंडल में आठ मंत्रियों को शामिल कर मंत्रिमंडल का विस्तार किया। पटना के राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने जदयू नेता अशोक चौधरी, नरेंद्र नारायण यादव, बीमा भारती, संजय झा, नीरज कुमार, रामसेवक सिंह, श्याम रजक और लक्ष्मेश्वर राय को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत राज्य मंत्रिमंडल के कई अन्य मंत्री उपस्थित थे।
बोले नीतीश
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने की वजह से रविवार को बिहार मंत्रिमंडल के विस्तार में बीजेपी को स्थान नहीं दिए जाने की चर्चा के बीच शपथग्रहण समारोह के बाद नीतीश ने स्पष्ट किया ‘जदयू की रिक्तियां थीं इसलिए मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है और कोई भी रिक्ति रहेगी तो कभी भी हो सकता है। अभी सिर्फ जदयू का ही था और जिनकी इक्का दुक्का रिक्तियां हैं वह कभी भी हो सकता है।’
नीतीश ने जदयू और बीजेपी के बीच सब कुछ ठीक होने और इसको लेकर कोई गलतफहमी मन में नहीं रखने की बात करते हुए बताया कि मंत्रिमंडल में जदयू के कोटे से मंत्रियों की संख्या पहले से 5 कम थी और लोकसभा चुनाव में तीन मंत्रियों के सांसद चुने जाने के बाद अब यह संख्या बढ़ कर 8 हो गयी थी। उन्होंने कहा कि विभागों की संख्या अधिक और मंत्रियों की संख्या कम रहने तथा आसन्न बिहार विधानमंडल के सत्र को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है।
बोले सुशील मोदी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद स्पष्ट किया, ‘मुख्यमंत्री ने आग्रह किया था कि जो रिक्तियां हैं उन्हें बीजेपी भर सकती है, पर हमारी पार्टी के नेतृत्व ने तय किया है कि आगामी दिनों में इसे भरा जाएगा। हमारी रिक्तियां कम हैं। पहले से ही 13 मंत्री हैं।’
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल में जदयू की रिक्तियां अधिक होने के मद्देनजर उन्होंने इसे तत्काल भरने का निर्णय लिया। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जदयू के प्रतिनिधित्व और उसकी कथित नाराजगी के बारे में पूछे जाने सुशील ने कहा कि वह उनका विषय नहीं है और उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे पर जहां तक बिहार का सवाल है, बिहार में एनडीए 200 प्रतिशत एकजुट है।
बोले केसी त्यागी
इस बीच जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी से मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर पूछा गया कि क्या बदला पूरा हो गया, तो उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में कई जगहें खाली थीं और अधिकतर रिक्तियां जदयू से थीं इसलिए बिहार विधानमंडल के आसन्न सत्र को ध्यान में रखकर मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। यह न कोई बदला है और न कोई राजनीति है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र में मंत्रियों का चयन और विभाग का वितरण प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है उसी प्रकार से राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का वितरण मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। त्यागी ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाने का निकट भविष्य में प्रश्न ही पैदा नहीं होता।
जदयू के जिन नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई उनमें से तीन बिहार विधानसभा सदस्य श्याम रजक, नरेंद्र नारायण यादव, बीमा भारती, रामसेवक सिंह और लक्ष्मेश्वर राय तथा बिहार विधान परिषद सदस्य अशोक चौधरी, संजय झा एवं नीरज कुमार शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कैबिनेट से तीन मंत्रियों ललन सिंह, पशुपति कुमार पारस और दिनेश चंद्र यादव ने इस्तीफा दे दिया था। लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू ने 16 और बीजेपी ने 17 सीटें जीतीं। दोनों ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
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