पश्चिम बंगाल में जारी गतिरोध के दूर होने के आसार शनिवार रात नजर आए जब आंदोलन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वे प्रदर्शन खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत को तैयार हैं लेकिन मुलाकात की जगह वे बाद में तय करेंगे।
इससे पहले शाम में उन्होंने राज्य सचिवालय में बनर्जी के साथ बैठक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और इसकी बजाए उनसे गतिरोध सुलझाने को लेकर खुली चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल आने को कहा था।शनिवार देर रात जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया।
फोरम के प्रवक्ता ने कहा, “हम हमेशा से बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर मुख्यमंत्री एक हाथ बढ़ाएंगी तो हम हमारे 10 हाथ बढ़ाएंगे.. हम इस गतिरोध के खत्म होने की तत्परता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।” प्रदर्शनरत डॉक्टरों ने कहा कि वे बैठक के लिए प्रस्तावित स्थान को लेकर अपने संगठन के फैसले का इंतजार करेंगे।
यह है मामला
बीते सोमवार को 75 साल के मोहम्मद सईद की एनआरएस मेडिकल कालेज अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन के बाद उसके परिजनों और पड़ोसियों ने दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी थी। उनका आरोप था कि जूनियर डॉक्टरों के गलत इंजेक्शन की वजह से ही मरीज की मौत हुई है। इस मारपीट में दो जूनियर डॉक्टरों को गहरी चोटें आई थीं। उनमें से एक को सिर में गंभीर चोट आई थी और उसका आपरेशन करना पड़ा है। उसके बाद तमाम डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू कर दिया था।
ये शर्तें रखीं हैं
1. मुख्यमंत्री डॉक्टरों को लेकर दिए गए बयान पर बिना शर्त माफी मांगे
2. डॉक्टरों पर हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करें
3. हिंसा के बाद पुलिस की निष्क्रियता की जांच होनी चाहिए
4. डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
5. जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों पर लगाए झूठे आरोपों वापस लिए जाएं
6. अस्पतालों में सशस्त्र पुलिसकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए
ऐसे चला घटनाक्रम
10 जून : एनआरएस अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई
कर दी।
11 जून : जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की। चार आरोपियों को गिरफ्तार
किया गया है।
12 जून : स्वास्थ्य सचिव राजीव सिन्हा ने जूनियर डॉक्टरों को सेवाओं को फिर से शुरू करने की अपील की।
13 जून : ममता ने कहा, चार घंटे में डॉक्टरों हड़ताल वापस लें या हॉस्टल से बाहर होने को तैयार रहें। ममता जूनियर डॉक्टरों को बाहरी बताया।
14 जून : आईएमए ने बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में पूरे देश में प्रदर्शन का ऐलान किया। डॉक्टरों ने बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराया।
15 जून : ममता ने बातचीत की पेशकश की जिसे डॉक्टरों ने ठुकरा दिया। शाम को मुख्यमंत्री ममता ने सभी मांगों को मानने को ऐलान किया।
डॉक्टरों का अल्टीमेटम
दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया।
17 को हड़ताल का आह्वान
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 14 जून से तीन दिनों तक देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने के साथ 17 जून को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था। आईएमए ने अस्पतालों में डॉक्टरों के खिलाफ होने वार्ली ंहसा की जांच के लिए कानून बनाने की मांग की।
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