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Saturday 22 June 2019

रुद्राक्ष को शरीर पर इस तरह धारण से होते हैं चमत्कारी लाभ खुलती है किस्मत बदलता है जीवन

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व है। कहा जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आमतौर पर रुद्राक्ष को भगवान शंकर से जुड़ा हुआ माना जाता है इसलिए हिंदू धर्म में लोग रुद्राक्ष की पूजा भी करते हैं। वास्तव में रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार के होते हैं और हर तरह के रुद्राक्ष का अपना अलग ही महत्व है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवपुराण में 14 प्रकार के रुद्राक्ष का उल्लेख किया गया है। इनमें एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष होते हैं। हर प्रकार के रुद्राक्ष को शरीर पर धारण करने का अलग अलग मतलब होता है। तो आइये जानते हैं कि किस प्रकार का रुद्राक्ष धारण करने का क्या अर्थ है।

ऐसे हुई थी रुद्राक्ष की उत्पत्ति
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने संसार के लोगों की भलाई के लिए कई वर्षों तक तपस्या किया था। एक बार तपस्या के दौरान किसी कारण वश वह बहुत दुखी और निराश हो गए और जब उन्होंने अपनी आंखें खोली तो उनकी आंखों से जो आंसू निकले, उसी से रुद्राक्ष के वृक्ष की उत्पत्ति हुई। यही कारण है कि हिंदू धर्म में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है।

एक मुखी रुद्राक्ष
कहा जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष स्वयं भगवान शंकर का रुप है। जिस व्यक्ति के पास एक मुखी रुद्राक्ष होता है वह किस्मत का धनी होता है और भगवान शंकंर की कृपा सदैव उसके ऊपर बनी रहती है।

दो मुखी रुद्राक्ष
वास्तव में दो मुखी रुद्राक्ष शंकर और पार्वती का मिला जुला रुप है और इसे धारण करने से दांपत्य जीवन सुखमय होता है।

तीन मुखी रुद्राक्ष
कहा जाता है कि तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से स्त्री हत्या के पाप से मुक्ति मिल जाती है।

चार मुखी रुद्राक्ष
यह रुद्राक्ष पहनने से पुरुष की हत्या से मुक्ति मिलती है।

पांच मुखी रुद्राक्ष
मान्यता है कि यह रुद्राक्ष पहनने से सभी प्रकार के अपराधों से मुक्ति मिल जाती है।

छह मुखी रुद्राक्ष
इसे कार्तिकेय का रुप माना जाता है और छह मुखी रुद्राक्ष पहनने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

सात मुखी रुद्राक्ष
इसे धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है और व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है और इस रुद्राक्ष को पहनने से घर में चोरी नहीं होती है।

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आठ मुखी रुद्राक्ष
इसे भगवान गणेश का स्वरुप माना गया है। आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सभी कार्य सिद्ध होते हैं।

नौ मुखी रुद्राक्ष
इस रुद्राक्ष को बाएं हाथ में धारण करने से गर्भहत्या के कलंक से मुक्ति मिल जाती है।

दस मुखी रुद्राक्ष
इसे भगवान विष्णु का स्वरुप माना जाता है और इसे धारण करने से व्यक्ति को डर नहीं सताता है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष
इसे भगवान शिव का स्वरुप माना जाता है और ग्यारह मुखी रुद्राक्ष पहनने से शिव की कृपा बनी रहती है।

बारह मुखी रुद्राक्ष
माना जाता है कि यह रुद्राक्ष पहनने से ठीक उसी फल की प्राप्ति होती है जो अश्वमेघ यज्ञ करने से प्राप्त होता है।

तेरह मुखी रुद्राक्ष
तेरह मुखी रुद्राक्ष को पहनने से सभी तरह के भोग प्राप्त होते हैं।

चौदह मुखी रुद्राक्ष
इस रुद्राक्ष को धारण करने से लोभ, मोह, माया से मुक्ति मिलती है।

अगर आप असली रुद्राक्ष पहनते हैं तभी आपको लाभ प्राप्त होगा। असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए रुद्राक्ष को पानी में डालें। अगर रुद्राक्ष पानी में डूब जाता है तो यह असली रुद्राक्ष है और अगर पानी में तैरता रहता है तो फिर यह नकली रुद्राक्ष है।

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