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Saturday 22 June 2019

RBI ने ग्राहकों को दिया बैंको के मनमानी करने पर इस तरह का हथियार

नई दिल्ली। बैंक आपकी समस्या नहीं सुन रहा हो, बैंक द्वरा आपकी निजी जानकारी किसी से शेयर कर दी गई हो, या बैंक के कर्मचारी आपसे ठीक से बात ना करें, तो परेशान हो मन मसोस कर ना बैठें। आपके पास बैंक के विरुद्ध आरबीआई (RBI) में शिकायत करने का अधिकार है।

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को कई अधिकार दिये हुए हैं, लेकिन इनकी जानकारी ना होने से ग्राहक इनका उपयोग नहीं कर पाते। खास बात यह है कि ग्राहकों के इन अधिकारों पर खुद बैंक ऑफ इंडिया की नजर रहती है। तो आइए जानते हैं कि वे ऐसे कौनसे अधिकार हैं जो आरबीआइ द्वारा ग्राहकों को दिये गए हैं।

सभ्य व्यवहार का अधिकार

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ग्राहकों को यह अधिकार दिया गया है कि हमेशा कस्टमर और फाइनेंशियल सर्विसेज देने वाले लोग ग्राहकों से सभ्य व शिष्टाचार के साथ व्यवहार करेंगे। बैंक से जुड़े कर्मचारी सेवाएं देते समय लिंग, उम्र, जाति और शारीरिक क्षमता के आधार पर ग्राहकों के साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैं।

ट्रांसपेरेंसी का अधिकार

आरबीआइ द्वारा ग्राहकों को यह अधिकार दिया गया है कि बैंक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे ग्राहक के साथ बैंकिंग सेवाओं से जुड़े जो भी कांट्रेक्ट या एग्रीमेंट बनाएं, वे ट्रांसपेरेंट हो। अर्थात ग्राहक उसे आसानी से समझ सके और संतुष्ट हो सकें। आरबीआइ के नियम के अनुसार ग्राहक की बगैर सहमति के बनाया गया एग्रीमेंट या कांट्रेक्ट अवैध माना जाएगा।

निजता का अधिकार

आरबीआइ द्वारा ग्राहकों को यह अधिकार दिया गया है कि उनकी निजी जानकारी को तब तक सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है जब तक कि उसने इसके लिए सहमति न दी हो या फिर वह कानूनी रूप से जरूरी नहीं हो।

शिकायत के निवारण का अधिकार

आरबीआइ द्वारा ग्राहक को यह अधिकार दिया गया है कि वह उसे बेचे गए किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस के लिए फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर को जिम्मेदार ठहरा सकता है। ऐसे में ग्राहक की शिकायत पर संज्ञान होना चाहिए और निश्चित समय पर उसकी समस्या का समाधान हो जाना चाहिए।

उपयुक्तता का अधिकार

आरबीआइ के नियम के अनुसार बैंक द्वारा ग्राहक की आर्थिक स्थिति और अन्य जानकारी को ध्यान में रखते हुए उसे कोई प्रोडक्ट ऑफर करना चाहिए। बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक को दिया गया प्रोडक्ट उसकी जरूरतों के हिसाब से हो।

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