अगर आप ऑफिस में घंटों कुर्सी पर डटे रहते हैं तो सावधान हो जाएं। घर पर दिन-रात टीवी, स्मार्टफोन और कंप्यूटर की स्क्रीन से चिपके रहना भी आपकी सेहत के लिए घातक है।
दिन भर बैठे या लेटे रहने की आदत याददाश्त और तर्क शक्ति के लिए भी घातक पाई गई
अमेरिका स्थित मेयो क्लीनिक के एक अध्ययन में शारीरिक असक्रियता को धूम्रपान जितना नुकसानदायक करार दिया गया है। इसमें कहा गया है कि लोग चलने-फिरने और एक्सरसाइज करने का समय बढ़ाकर कंधे, पीठ व कमर में दर्द की समस्या से लेकर टाइप-2 डायबिटीज, हृदयरोग तथा कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों से मौत का खतरा घटा सकते हैं। दिन भर बैठे या लेटे रहने की आदत याददाश्त और तर्क शक्ति के लिए भी घातक पाई गई है।
ब्लड शुगर में इजाफा
मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के अध्ययन में पाया गया था कि लगातार दो हफ्ते तक 1000 से कम कदम चलने पर इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने लगती है। इससे शरीर में पहुंचने वाली शर्करा ऊर्जा में नहीं बदल पाती और व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है।
बैठने की आदत
ज्यादातर वयस्क 8 घंटे औसतन कुर्सी पर डटे रहते हैं।
स्वस्थ रहने के लिए रोजाना 10 हजार कदम चलना जरूरी है ।
3 घंटे टीवी या मोबाइल पर वीडियो देखने में गुजारते हैं।
6 दिन हफ्ते में कम से कम आधा घंटा जरूर व्यायाम करें।
याददाश्त को खतरा
अगस्त 2018 के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के अध्ययन में रोजाना 10 से 15 घंटे तक शारीरिक रूप से असक्रिय रहने वाले लोगों के मस्तिष्क का ‘मीडियल टेंपोरल लोब’ भाग काफी छोटा पाया गया था। यह भाग यादें संजोने व नई चीजें सीखने की क्षमता निर्धारित करने में अहम माना जाता है।
छोटे-छोटे कदम काम आएंगे
बोतल में पानी भरकर न रखें, प्यास लगने पर उठकर पानी पीने जाएं ‘ हर आधे घंटे पर सीट पर खड़े होकर स्ट्रेचिंग करें ‘ सहयोगियों से संवाद को फोन-ईमेल का सहारा लेने के बजाय उनकी सीट पर जाएं ‘ लंच कैंटीन जाकर करें, लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें ‘ ब्रेक में फोन पर टहलते हुए बात करना बेहतर रहेगा।
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