लखनऊ। भीषण गर्मी से शहरवासियों को शनिवार को कुछ राहत मिली है। बूंदा बांदी ने राजधानी का मौसम खुशनुमा बना दिया। बादलों की आवाजाही से सुबह से ही जारी रही। इसके साथ ही आस-पास के जनपदों में भी बादलों की आवाजाही ने तेज धूप को नरम बना दिया। उधर, रायबरेली में झमाझम बारिश से सड़के लबालब पानी से भर गईं। शहर में कुछ दिन पहले हुई बूंदाबांदी ने राहत दे दी है। ऐसे में शहर का अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं, पूर्वाचल के जनपदों में जहां पारा सामान्य से अधिक रहा। उधर, बुंदेलखंड के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। यहां के उरई, हमीरपुर में अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं, गोरखपुर, बहराइच में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक, वाराणसी व सुलतानपुर में तीन डिग्री अधिक दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी में बूंदाबांदी के आसार जताए हैं।
आम महोत्सव में मलिहाबादी दशहरी देख नहीं रोक पाएंगे खुद को आप
लखनऊ। राजधानी में दो दिवसीय आम महोत्सव का आगाज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को हो गया। वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने आम महोत्सव का शुभारंभ किया। अलग-अलग मंडल के आमों की प्रजातियों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। मुंह में पानी ला देने वाले दशहरी आमों की सभी किस्म देखने मिल रही है। बताया जा रहा है कि महोत्सव में इस बार खास आइसक्रीम आ रही है।
दशहरी सहित मलिहाबादी आम की 25 किस्मों के तरावट भरे स्वाद वाली ये आइसक्रीम इस आयोजन का खास आकर्षण मानी जा रही है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा की ओर से इसके उत्पादक को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार से पत्रचार किया गया है। राजधानी के फलपट्टी के नवउद्यमी मुसलाहुद्दीन (22) को अगर सरकारी सहायता मिल गई तो उनकी खास आइसक्रीम पूरे साल दशहरी सहित अन्य आम के प्राकृतिक स्वाद का मजा दिलाएगी।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा की ओर से उपलब्ध कराए गए आम से तैयार विभिन्न किस्मों के आइसक्रीम का आनंद आप 22-23 जून को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उठा सकते हैं। खास बात यह है कि इस आइसक्रीम के निर्माण में किसी तरह के कृत्रिम रंग और स्वाद का इस्तेमाल नहीं किया गया है। संस्थान इसे आम महोत्सव में प्रदर्शित करके आइसक्रीम के लिए सबसे उपयुक्त प्रजाति को चिह्न्ति करना चाहता है। संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन का मानना है कि उत्तर भारत में आम के गूदे के प्रसंस्करण के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। अभी तक संस्थान सहित स्थानीय स्तर पर लोगों को इस आइसक्रीम को चखने के लिए दिया गया है। सभी को ये बहुत पसंद आईं।
आइसक्रीम उद्यमी मुसलाहुद्दीन ने बताया कि कुछ लीक से हटकर करने की ख्वाहिश थी । सोचा था कि क्षेत्र के लिए कुछ किया जाए। इसीलिए आम के आइसक्रीम उत्पादन का ख्याल आया। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के सहयोग से यह संभव हो सका। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा डॉ. शैलेंद्र राजन के मुताबिक, नवउद्यमी मुसलाहुद्दीन को सरकारी प्रोत्साहन दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। फलपट्टी में अाम का गूदा प्रसंस्कण व्यवसायिक रूप से करना आम उत्पादकों के लिए बड़ा कदम है। महोत्सव से हम मैंगो आइसक्रीम की ब्रांडिंग करना चाह रहे हैं।
छोटे आम का भी मिलेगा अच्छा दाम
बागबान छोटे आम का दाम नहीं पा पाते। व्यापारी बड़े आम खरीद लेते हैं, लेकिन छोटे आम से परहेज करते हैं। अब अगर आम के आइसक्रीम का औद्योगिक स्तर पर उद्धाटन हुआ तो माल, मलिहाबाद और काकोरी के बागबानों के लिए हर आकार से आम खरीद लिए जाएंगे।
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