नई दिल्ली। ‘वायु’ चक्रवात से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाईअलर्ट पर है, जिसके गुरुवार को वेरावल के पास समुद्र तट पर दस्तक देने की आशंका है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि कच्छ से लेकर दक्षिण गुजरात में फैली समूची तटरेखा को हाईअलर्ट पर रखा गया है। मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात 13 जून तक पहुंच सकता है।
ओडिशा सरकार से संपर्क
उन्होंने कहा कि ‘फेनी’ तूफान के दौरान ओडिशा में अपनाई गई आपदा प्रबंधन तकनीक को सीखने और उन्हें लागू करने के लिए गुजरात के संबंधित अधिकारी ओडिशा सरकार के संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘13 और 14 जून हमारे लिए बहुत अहम हैं। हमने सेना, एनडीआरएफ, तटरक्षक और अन्य एजेंसियों से राहत एवं बचाव कार्य के लिए मदद मांगी है।
शाह ने सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एनडीआरएफ ने 26 टीमों को पहले से तैनात किया हुआ है। हर टीम में करीब 45 कर्मी हैं। बचाव दल नावों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं। एनडीआरएफ गुजरात सरकार के अनुरोध पर अन्य 10 टीमें भी भेज रहा है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, सेना और वायु सेना की इकाइयों को तैयार रखा गया है। निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं। शाह ने नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं।
एनडीआरएफ की टीमें तैनात
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और दीव में 39 टीमों को पहले से तैनात कर दिया है। हर टीम में करीब 45 कर्मी हैं। बचाव दल नावों, पेड़ काटने वाली मशीनों और दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं। थलसेना की 34 टीमों को भी तैयार रखा गया है।
गुजरात और दीव के अधिकारियों ने बुधवार की सुबह से संवेदनशील इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने की योजना बनाई है। इन लोगों के रहने के लिए करीब 700 चक्रवात एवं राहत आश्रय गृह बनाए गए हैं। समीक्षा के बाद गृह मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शाह ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को बरकरार रखने और चक्रवात से नुकसान होने की स्थिति में तत्काल उन सेवाओं को बहाल किए जाने पर भी बल दिया। मंत्रालय गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक की सरकारों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव के साथ निरंतर संपर्क में है।
सेना की सभी इकाइयां तैयार
अधिकारी ने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, थलसेना और वायु सेना की इकाइयों को तैयार रखा गया है और निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं। वायु सेना ने मानवीय सहायता और आपदा मोचन (एचएडीआर) अभियान चलाने के लिए एक सी-17 परिवहन विमान को तैनात किया है। वायु सेना ने ट्वीट किया, ”चक्रवाती तूफान वायु: आज वायु सेना के एक सी-17 विमान ने नयी दिल्ली से विजयवाड़ा के लिए उड़ान भरी। विमान से विजयवाड़ा से एनडीआरएफ के करीब 160 जवानों को हवाई मार्ग से जामनगर पहुंचाने की योजना है ताकि वे एचएडीआर मिशन चला सकें और गुजरात में तूफान प्रभावित लोगों को बचा सकें।
शाह ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे सक्रिय रहने के भी निर्देश दिए। मौसम विभाग के अनुसार ‘वायु के 13 जून को तड़के गुजरात तट पर पहुंचने की आशंका है। इससे गुजरात के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। यह पोरबंदर और महुआ के बीच वेरावल तथा दीव क्षेत्र के आसपास समुद्र तट से टकरा सकता है। 110-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आने वाला तूफान 13 जून की सुबह 135 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पकड़ सकता है।
मौसम विभाग कई दिनों से जारी कर रहा बुलेटिन
मौसम विभाग सभी संबंधित राज्यों को नौ अप्रैल से नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है। इस बीच कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता की जिसने तूफान वायु से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। मीडिया में मुनादी और सामूहिक एसएमएस भेजकर लोगों को तूफान के बारे में चेतावनी देने की व्यवस्था की।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने की बैठक
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जायेगा। मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात ‘वायु वेरावल तट के करीब 650 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और अगले 12 घंटे में ”इसके तीव्र चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। यह तूफान 13 जून तक राज्य के तट पर पहुंच सकता है। रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि कच्छ से लेकर दक्षिण गुजरात में फैले समूची तटरेखा को ”हाई अलर्ट पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि चक्रवात ‘फोनी के दौरान ओडिशा में अपनायी गयी आपदा प्रबंधन तकनीक को सीखने और उन्हें लागू करने के लिये गुजरात के संबंधित अधिकारी ओडिशा सरकार के साथ संपर्क में हैं। हाल में राज्य चक्रवात ‘फोनी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने बताया, ”हमने सभी संबंधित कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और उन्हें ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया गया है। कल मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सभी मंत्री राहत एवं बचाव अभियान का जायजा लेने के लिये विभिन्न जिलों में जायेंगे।
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