प्लास्टिक बॉटल या कंटेनर
प्लास्टिक की बोतल को बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल कम्पाउंड बिस्फेनॉल ए (BPA) प्लास्टिक की बॉटल को इंसान के शरीर के लिए खतरनाक बना देता है। अगर नियमित रूप से प्लास्टिक की बॉटल या कंटेनर का इस्तेमाल किया जाए को इससे आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी और हॉर्मोन्स प्रभावित होते हैं जिससे मोटापा बढ़ता है। अगर प्लास्टिक कंटेनर्स में खाने को बार-बार गर्म किया जाए तो उससे भी टॉक्सिन्स निकलते हैं जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।
उपाय: ग्लासवेअर यानी कांच के बर्तनों का इस्तेमाल करें
रिफाइंड ऑइल
रिफाइंड ऑइल को बनाने में जिस प्रोसेस का इस्तेमाल होता है उसमें काफी मात्रा ऐसिड भी यूज होता है जिसमें से बदबू को दूर करने के लिए बाद में फिर से उस तेल को हेक्सानॉल नाम के केमिकल से डियोड्राइज्ड किया जाता है। जब यह प्रोसेस्ड रिफाइंड ऑइल तेज तापमान पर गर्म किया जाता है तो वह ऑक्सिडाइज होकर ट्रांस फैट रिलीज करता है जो इंसान के शरीर के लिए खतरनाक है और इससे दिल से जुड़ी बीमारियां और कैंसर तक हो सकता है।
उपाय: शरीर को हेल्दी बनाए रखने के लिए सरसों के तेल का इस्तेमाल करें
स्टिक कुकवेअर
रिसर्च की मानें तो करीब 90 प्रतिशत शहरी घरों के किचन में खाने बनाने के लिए नॉन स्टिक पैन और कुकवेअर का इस्तेमाल होता है। नॉन स्टिक कुकवेअर को हाई टेंपरेचर पर यूज करने पर इनकी पीएफसी कोटिंग खराब हो जाती है और अगर इस उधरी हुई कोटिंग को खाने के साथ निगल लिया जाए तो इससे आपका लिवर डैमेज हो सकता है और कई और गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
उपाय: cast iron यानी कच्चा लोहा या ढलवां लोहा से बनें बर्तनों में खाना बनाएं
ऐल्युमीनियम फॉयल
WHO की मानें तो इंसान के शरीर के लिए सिर्फ 50 मिलिग्राम ऐल्युमीनियम ही स्वीकार्य है। रिसर्च की मानें तो जिस ऐल्युमीनियम फॉइल में खाना लपेटा जाता है उसमें 2 से 5 मिलीग्राम ऐल्युमीनियम होता है। ऐल्युमीनियम के इस इनडायरेक्ट सेवन से शरीर में जिंक का अब्जॉर्ब्पशन कम हो जाता है जो ब्रेन के साथ-साथ हड्डियों के लिए भी नुकसानदेह है।
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