नई दिल्ली। कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट को ‘त्रिशंकु बजट’ करार देते हुए कहा कि इसमें तय किए गए लक्ष्य वास्तविकता से परे हैं। अर्थव्यवस्था की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इन लक्ष्यों को हासिल करना संभव नहीं है। ऐसा लगता है कि यह बजट दिशा से भटका हुआ है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा में सोमवार को बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि बजट में कहीं भी जीडीपी का जिक्र तक नहीं है। पिछली तिमाही में निवेश 81 प्रतिशत घट गया है। 26.1 प्रतिशत परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं। यात्री वाहनों की बिक्री मई में 20.6 प्रतिशत घट गई, जो बीते 18 साल की सबसे बड़ी गिरावट है। बजट में सिर्फ देश को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही गई। मगर, यह कैसे संभव होगा, इसका कोई उल्लेख नहीं है।
कैच छोड़े और नो बॉल भी फेंकी
शशि थरूर ने कहा, ‘क्रिकेट विश्वकप चल रहा है और मंगलवार को सेमीफाइनल मैच है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर रक्षात्मक बल्लेबाजी की। कैच छोड़े और नो बॉल भी फेंकी। ऐसा पहली बार हुआ कि बजट में आवंटन का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया।
नोटबंदी और जीएसटी से बिगड़े हालात
थरूर ने कहा कि इस तरह के बजट के लिए पूरी तरह वित्त मंत्री को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार के कार्यकाल में नोटबंदी हुई, जीएसटी को गलत तरीके से लागू किया गया और बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। नोटबंदी से कई कंपनियां बंद हो गईं और बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए। बजट में सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है।
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