देश में कर चोरों से निपटने के लिए केंद्र सरकार सख्त कानून लागू करने जा रही है। आम बजट में सीमा शुल्क कानून में नया प्रावधान जोड़ा गया है। इसके जरिये न सिर्फ कस्टम अधिकारियों को ज्यादा ताकत मिलेगी बल्कि तस्करी, फर्जी बिल के जरिये कर चोरी के मामलों पर भी लगाम लगेगी।
बजट प्रस्ताव के मुताबिक, सीमा शुल्क अधिकारियों के पास तस्करी और कर चोरी जैसे मामलों में संदिग्ध को हिरासत में लेने के अधिकार होगा। कर चोरी से जुड़े 50 लाख रुपये से ज्यादा के मामले को गैरजमानती धाराओं में रखने का प्रस्ताव दिया गया है। यानी ऐसे मामलों पकड़े जाने पर जमानत नहीं होगी। सीमा शुल्क अधिकारी के पास टैक्स चोरी के अलावा ड्यूटी फ्री स्क्रिप्ट्स और ड्रॉबैक सुविधा के दुरुपयोग पर कार्रवाई के अधिकार होंगे।
कानून में सेक्शन 104 में बदलाव करके गिरफ़्तारी का भी अधिकार दिया जाएगा। व्यापारियों को सीमा शुल्क के शिकंजे से तभी मुक्ति मिलेगी, जब वे अपनी पहचान सुनिश्चित करेंगे। उन्हें मांगने पर अधिकारियों को आधार नंबर या फिर खरीद से जुड़े दूसरे जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे। जानकारी गलत पाई जाती है तो अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकेंगे।
कारोबारी के गलत पाए जाने पर उसे मिलने वाला रिफंड रद्द करने और गंभीर मामलों में रजिस्ट्रेशन तक रद्द करने का अधिकार रहेगा। वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान भी देश में गलत तरीके से एक्सपोर्ट से जुड़े प्रोत्साहन लिए जाने के मामलों का जिक्र किया था। ऐसे में टैक्स मामलों के जानकार बताते हैं कि नए कदम से सिस्टम सुधरेगा।
टैक्स विशेषज्ञ देवेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक सरकार के इस कदम से फर्जी बिल लगाकर फायदा कमाने वाले व्यापारियों की तादाद घटेगी जिससे न सिर्फ टैक्स चोरी के मामलों में कमी देखने को बल्कि सरकार की आय में भी इजाफा देखने को मिलेगा। हालांकि व्यापारियों को अंदेशा है कि कस्टम विभाग की तरफ से इन नियमों का दुरुपयोग भी हो सकता है।
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