नई दिल्ली। स्वच्छता अभियान के 3 साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि समाज की भागीदारी के बिना स्वच्छता अभियान कभी पूरा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि एक हजार महात्मा गांधी और एक लाख नरेंद्र मोदी भी आ जाएं तो भी यह सपना पूरा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान अब सरकार का या महात्मा गांधी का आंदोलन नहीं रहा, देश के आम नागरिकों ने इसे अपने कंधों पर उठा लिया है।
पीएम मोदी ने देश के लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा, ‘अगर एक हजार महात्मा गांधी आ जाएं, एक लाख नरेंद्र मोदी आ जाएं, सभी मुख्यमंत्री मिल जाएं, सभी सरकारें मिल जाएं, तो भी स्वच्छता का सपना कभी पूरा नहीं हो सकता है। नहीं हो सकता है लेकिन अगर सवा सौ करोड़ देशवासी आ जाएं, तो देखते ही देखते सपना पूरा हो जाएगा।’ पीएम मोदी ने इस अपने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि यह कहने के बाद उनकी धुलाई हो सकती है, लेकिन देशवासियों के सामने यह तथ्य रखना जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी को गाली देने के लिए कई विषय हैं, लेकिन समाज को जागरूक करने के कार्यक्रम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि वह समाज में बदलाव लाने वाले विषयों को मजाक न बनाएं।
बापू का रास्ता गलत नहीं हो सकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचनाओं के बावजूद सरकार स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने में जुटी रही। उन्होंने कहा, ‘तीन साल तक हम बिना हिचकिचाए इस काम में लगे रहे क्योंकि हमें लगता था कि बापू ने जो कहा है वह रास्ता गलत नहीं हो सकता। चुनौतियां हैं, लेकिन चुनौतियां हैं…इसलिए देश को ऐसे नहीं रहने दिया जा सकता। क्या हम उन्हीं चीजों को हाथ लगाएं जहां वाहवाही हो, जयकारा होता रहे।’
सरकार को करें कम, समाज को बढ़ाएं
मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान अब देश के आम लोगों का अभियान बन चुका है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अब देशवासी एक स्वर में अपनी भावना प्रकट कर रहे हैं। सब जानते हैं कि गंदगी में हमारा भी योगदान है। सभी को स्वच्छता पसंद है। समस्या यही रही कि कौन करे? हमने चीजों को सरकारी बना दिया, जब तक चीजें जनसामान्य की रहती हैं, समस्या नहीं होती। हम समाज की शक्ति को स्वीकार करते हुए सरकार को कम करते चलें, समाज को बढ़ाते चलें तो यह आंदोलन सफल होता जाएगा।’
विरोध करने वालों की बनेगी खबर
मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग हैं जो मजाक उड़ाते हैं, उनकी मर्जी। मुझे विश्वास है कि 5 साल आते-आते देश का मीडिया यह खबर नहीं छापेगा कि कौन इसके लिए काम कर रहा है, खबर यह होगी कि इसके खिलाफ कौन थे। उनकी तस्वीरें छपने वाली हैं। देश एक बार स्वीकर कर लेता है तो आपको उससे जुड़ना ही पड़ेगा।’
गरीबों के बच सकते हैं 50,000 रुपये
गंदगी के चलते होनी वाली बीमारियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘अगर हम स्वच्छता को अपना धर्म मान लें तो एक-एक गरीब परिवार को 50 हजार रुपये बचाए जा सकते हैं, जिसे वे बीमारी के इलाज पर खर्च कर देते हैं। इसको एक सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाना चाहिए।’
स्वच्छता का नाम सुन नहीं आते लोग
मोदी ने कहा कि जब से वह प्रधानमंत्री बने हैं, कई लोग उनसे मिलने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, ‘कई लोग मिलते हैं, काम मांगने के लिए अपना बायो-डेटा लेकर आते हैं। कहते हैं कि कोई सेवा हो हमारे लायक तो बताइये…मैं कहता हूं कि स्वच्छता के लिए कुछ समय दीजिए, तो वे दोबारा नहीं आते।’ मोदी ने कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता है, हम हाथ लगाएंगे तो काम बड़ा हो जाएगा।
जैसे सत्याग्रही, वैसे स्वच्छाग्रही
पीएम ने कहा कि श्रेष्ठ भारत का शस्त्र है स्वच्छता। उन्होंने कहा कि जैसे सत्याग्रह के लिए लड़ने वालों को सत्याग्रही कहा जाता था, वैसे ही स्वच्छता के लिए काम करने वालों को स्वच्छाग्रही कहा जाएगा।
रैंकिंग से नेताओं पर दबाव
मोदी ने कहा कि पहले सरकारें इस विषय पर बात करने से भी डरती थीं। उन्होंने कहा, ‘नेता खुलकर इसलिए चर्चा करने से डरते थे कि कहीं हमारे माथे पर न पड़ जाए। सरकारें डरती थीं। अब स्वच्छता के लिए रैंकिंग हो रही है। जब उसके अंक बाहर आते हैं तो चर्चा होती है, नेताओं पर दबाव बनता है। सिविल सोसायटी भी मैदान में आती है। एक सकरात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बनता है।’
महिलाओं को बारे में सोचिए
प्रधानमंत्री ने महिलाओं को होने वाली समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘आप तो पुरुष हैं, कहीं भी चौराहा मिल जाए तो आप खड़े हो जाते है लेकिन जब महिला बाजार जाती है और उसे प्राकृतिक काम की जरूरत पड़ती है तो वह अपने शरीर का दमन करती है, झेलती है। अगर हम इस बात को नहीं समझेंगे तो स्वच्छता को सही रूप में समझ नहीं पाएंगे। गांवों में महिलाओं को अगर दिन के समय शौच जाने की जरूरत महसूस हो तो वे अंधेरा होना का इंतजार करती हैं। उस मां के स्वास्थ्य का क्या होगा।’
घर में मां का सहयोग करें
पीएम मोदी ने कहा कि घर में अगर हर कोई अपना सामना अगर सही तरीके से रखे तो मां का बोझ कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘घर में हर किसी को कूड़ा कचरा फेंकने का हक है, एक अकेली मां है जो 2 घंटे तक सफाई करती रहती है। परिवार के सब लोग अगर अपना सामान सही जगह पर रखें तो मां को कितनी राहत मिलेगी।
-एजेंसी
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