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Saturday 14 October 2017

आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञ भी अब देखने लगे हैं आयुर्वेद की तरफ

आधुनिक चिकित्सा विशेषज्ञ बीमारियों से बचाव के लिए अब आयुर्वेद की तरफ देखने लगे हैं। एलोपैथी में बीमारियों का उपचार तो है लेकिन बचाव नहीं है। आयुर्वेद में उपचार के साथ-साथ बचाव भी है। इसलिए एलोपैथी के डॉक्टर भी आयुर्वेद की दवाओं को प्रोत्साहित करने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एलोपैथी और आयुर्वेद के समावेश से बीमारियों का प्रभावी बचाव और निदान हो सकता है।
एलोपैथी डॉक्टर भी लिखते हैं दवा
आयुष मंत्रालय इन पैथियों में समावेश का जोरदार पक्षधर रहा है इसलिए मंत्रालय चाहता है कि आयुर्वेद की दवाओं को प्रोत्साहित किया जाए। मंत्रालय ने कई ऐसी दवाएं चिह्नित की हैं जो बाजार में बड़े पैमाने पर एलोपैथी के चिकित्सकों द्वारा लिखी जाती हैं। इनमें डायबीटीज की दवा भी है जिसे CSIR के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। यह दवा मरीज के शुगर लेवल को तो कम करती ही है जो लोग डायबीटीज के मुहाने पर हैं, उनमें भी बीमारी को बढ़ने से रोकती है। इसमें कई ऐसे तत्व हैं जो ऐंटिआक्सिडेंट युक्त होते हैं। वे पोषण की दृष्टि से उपयोगी हैं।
आयुर्वेद में किडनी रोग का इलाज
हाल ही में किडनी रोग विशेषज्ञों के एक सम्मेलन में एलोपैथी के चिकित्सकों ने आयुर्वेद की दवा नीरी केएफटी की जोरदार पैरवी की। दरअसल, यह दवा किडनी की खराबी से रोकती है। यदि किसी व्यक्ति की किडनी में खराबी आ रही हो तो नीरी केएफटी का सेवन उसे रोकता है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के किडनी रोग विशेषज्ञ डा. मनीष मलिक ने कहा कि एलोपैथी में किडनी की बीमारी को ठीक करने वाली दवाओं की कमी है। एलोपैथी में इलाज डायलिसिस और ट्रांसप्लाट ही है लेकिन आयुर्वेद को यदि अपनाया जाए तो नीरी केएफटी किडनी की खराबी रोकने का बेहतरीन जरिया हो सकता है। यह दवा आज भी किडनी रोग विशेषज्ञों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है।
मरीजों को मिल सकती है लंबी उम्र
जाने-माने आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रामनिवास पराशर के अनुसार ऐसी दवाओं के फेहरिस्त लंबी है जो एलोपैथी के डाक्टरों द्वारा अपने मरीजों को लिखी जाती है। डॉ. पराशर के अनुसार मानसिक अवसाद से बचाने के लिए आज भी अश्वगंधा का लोग इस्तेमाल करते हैं। चाहे किसी भी पैथी में इलाज हो रहा हो। इसी प्रकार पेट के रोगों के लिए ऐसी कई दवाएं हैं जो आज आयुर्वेद में निर्मित हैं लेकिन एलोपैथी का हिस्सा बन चुकी हैं। पराशर मानते हैं कि एलोपैथी और आयुर्वेद का समावेश लोगों को बीमारियों से बचाकर मरीजों को लंबी उम्र दे सकता है।
-एजेंसी

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