जयपुर। बॉलिवुड डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रानी ‘पद्मावती’ का अलाउद्दीन खिलजी संग प्रेम प्रसंग की कहानी का विरोध कर रहे राजपूत संगठनों ने फिल्म रिलीज के मौके पर 1 दिसंबर को चित्तौड़गढ़ बंद का ऐलान कर दिया है।
कथित रूप से रानी ‘पद्मावती’ की कहानी 13वीं और 14वीं सदी की है जो चित्तौड़ की रानी थीं। फिल्म निर्माण शुरू होने से लेकर रिलीज तक विवाद खत्म नहीं हो रहा है। ‘पद्मावती’ की रिलीज का समय नजदीक आने के साथ ही इसका विरोध भी बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में फिल्म के विरोध में शुक्रवार को निजी स्कूल बंद रहे। गैर अनुदानित शिक्षण संस्था संचालक समिति के आह्वान पर यह बंद किया गया।
सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल
इधर एक दिसंबर को भी चित्तौड़गढ़ में बंद का ऐलान जौहर स्मृति संस्थान (जेएसएस) ने किया है। इस संगठन की स्थापना 1950 में मेवाड़ के शासकों के गौरव गाथा को फिर से जीवित करने के उद्देश्य से की गई थी।
इस बंद का प्रचार-प्रसार करने के लिए संगठन सोशल मीडिया, मोबाइल मेसेज और अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है। इस बंद में राजपूत संगठन करणी सेना भी शामिल है। इसके चलते स्कूल, कॉलेज, बाजार और सिनेमाघर बंद रखे जाएंगे।
राजपूत संगठन और जेएसएस का कहना है कि अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 इसवी में चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था मगर इसकी वजह रानी नहीं थीं। जेएसएस का यह भी दावा है कि रानी पद्मावती का असली नाम पद्मिनी है। जैन पुस्तक में रानी पद्मावती के पति रावल रतन सिंह का जिक्र है लेकिन खिलजी संग उसके किसी भी संबंध की कोई चर्चा नहीं है। जैन धर्म की यह पुस्तक 14 से 16वीं ईसा पूर्व लिखी गई है।
-एजेंसी
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