नई दिल्ली। देश में बिटकॉइन और दूसरी वर्चुअल करंसीज में बढ़ते भारतीयों के लगाव पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फिर दोहराया है कि बिटकॉइन कानूनी और भारत में लीगल टेंडर नहीं है। जेटली ने बताया कि एक एक्सपर्ट ग्रुप बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसीज के बारे में सुझाव देने के लिए बनाया गया है और वह जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
राज्यसभा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा, ’24 दिसंबर, 2013 से ही सरकार और रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन और दूसरी वर्चुअल करंसीज को लेकर स्टैंड समान है। कई बार नोटिफिकेशन के जरिए सरकार और आरबीआई ने यह बताया है कि बिटकॉइन को भारत में कानूनी और लीगल टेंडर नहीं माना जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार इस मामले पर कोई फैसला लेगी। हम रिपोर्ट को देखेंगे और फिर मामले को पूरी तरह समझने के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। हम वर्चुअल करंसीज पर वैश्विक माहौल को भी समझेंगे। हालांकि वर्चुअल करंसीज में डील पूरी तरह से अपने जोखिम पर करें।’
जेटली से जब यह पूछा गया कि नागरिकों को क्रिप्टोकरंसी के जोखिमों से बचाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में 11 बिटकॉइन एक्सचेंज की पहचान की गई है और एक्सपर्ट्स उन पर नजर बनाए हुए हैं।
वर्चुअल करंसी बिटकॉइन को लेकर लोगों में बढ़ती उत्सुकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने पहले भी चेतावनी जारी की है। निवेशकों को अलर्ट करते हुए सरकार ने कहा था कि यह पोंजी स्कीम की तरह है, जिनमें भोले-भाले निवेशक धोखाधड़ी के शिकार होते हैं। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि बिटकॉइन वैध नहीं है और इस वर्चुअल करंसी में निवेश पर पोंजी स्कीमों जैसा ही जोखिम होता है। निवेशकों खासकर खुदरा ग्राहकों को अचानक भारी नुकसान हो सकता है और उनकी मेहनत की गाढ़ी कमाई पल भर में डूब सकती है।
-एजेंसी
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