नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में उछाल के चलते पेट्रोल-डीजल के दाम और बढ़ सकते हैं। पिछले तीन वर्षों में कच्चे तेल के दाम सबसे अधिक हैं। जनवरी के पहले सप्ताह में ही कच्चा तेल 69 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। जानकार मानते है कि इस साल कच्चे तेल की कीमत 80 डॉलर को पार कर सकती हैं। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वृद्धि की अहम वजह कच्चे तेल के मूल्यों में उछाल है। पिछले साल दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 62.29 डॉलर प्रति बैरल था। जबकि पिछले साल जून में यह 46.5 डॉलर के आसपास था।
पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकडो के मुताबिक, वर्ष 2015-16 में कच्चे तेल की कीमत 46.17 डॉलर प्रति बैरल थी। जबकि वर्ष 2016-17 में कच्चे तेल के दाम 47.56 डॉलर थे। पेट्रोलियम जानकार मानते हैं कि कच्चे तेल के दाम अभी कुछ और बढ़ सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ओपेक देश तेल की कीमत तय करते हैं। देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत तक करने में कच्चे तेल के दाम अहम भूमिका निभाते हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम तय करते वक्त तेल कंपनियां कच्चे तेल के दाम, आयात करते वक्त डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को आधार बनाकर दाम तय करती है।ट
कर घटाए राज्य सरकार
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान ने राज्य सरकारों से एक बार फिर पेट्रोल-डीजल पर कर कम करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही उत्पाद शुल्क में कटौती की थी। कुछ राज्य सरकारों ने भी कर कम किया था। पर दूसरी सरकारों को भी पहल करनी चाहिए।
ज्यादा नहीं बढ़ेंगे दाम
ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा मानते हैं कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की वजह सऊदी अरब में उथल-पुथल और रूस में राष्ट्रपति चुनाव हैं। यह देश चाहते हैं कि दाम 80 डॉलर तक जाए। अभी दामों में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा, पर साल के अंत तक औसतन कच्चे तेल के दाम 60 से 70 डॉलर के बीच रहेंगे।
No comments:
Post a Comment