मुंबई। राज्य बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रवीण घुगे ने जानकारी दी है फुटपाथ पर रहनेवाले बच्चों का भी आधार कार्ड बनेगा। इसके लिए आयोग की ओर से अभियान चलाया जाएगा, जिसके माध्यम से वंचित तबके के बच्चों का आधार कार्ड बनाने के साथ ही, उनके उज्जल भविष्य के लिए व्यापक योजना बनाई जाएगी। महिला एवं बाल कल्याण मंत्री पंकजा मुंडे ने स्कूली बच्चों को आत्मसुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य करने संबंधी प्रस्ताव जल्द शिक्षा विभाग को भेजने की जानकारी दी है।
‘सेव द चिल्ड्रेन’ इस सामाजिक संस्था की ओर से यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह में मंगलवार को पंकजा ने सार्वजनिक स्थानों पर लड़कियों की सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट का प्रकाशन किया। यह रिपोर्ट महिलाओं और बच्चों की समस्याओं पर विस्तृत अध्ययन करने के बाद सेव द चिल्ड्रेन संस्था ने तैयार की है। पंकजा ने कहा कि रिपोर्ट में की गई सिफारिशों का अध्ययन करने के बाद सरकार की ओर से निश्चित कार्यवाही की जाएगी। पंकजा के मुताबिक महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार के मामलों की पुलिस में शिकायतों का प्रमाण बढ़ गया है। न्याय व्यवस्था में भी इस तरह के मामलों में अपराध सिद्ध होने के प्रमाण बढ़े हैं। यह निश्चित ही अच्छा बदलाव है, फिर भी महिलाओं और बच्चों पर होनेवाले अत्याचार पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए सरकार, सामाजिक संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समाज आदि को एकसाथ आकर काम करना होगा। पंकजा ने बताया कि लड़कियों पर होनेवाले अत्याचार को रोकना समय की मांग है। साथ ही छोटे बच्चों पर होनेवाले अत्याचार पर भी हमें ध्यान देना होगा। कई स्थानों पर छोटे बच्चे घरेलू हिंसा, लैंगिक शोषण जैसे अपराधों का शिकार होते हैं। बच्चों की समस्याओं पर काम करते समय इन मुद्दों के बारे में भी गंभीरता से सोचना होगा।
स्कूलों में आत्मसुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य करने संबंधी प्रस्ताव जल्द
पंकजा मुंडे ने बताया कि अधिकांश 70 फीसदी मामलों में महिला अथवा बच्चों का शोषण उनके करीबी व्यक्ति द्वारा किए जाने के मामले सामने आए हैं। इसे रोकने के लिए लड़कियों को आत्मसुरक्षा का प्रशिक्षण देना जरूरी है। केवल लैंगिक अत्याचार ही नहीं बल्कि चैन स्नेचिंग, पर्स स्नेचिंग, दुघर्टना, हमला जैसे प्रसंगों में भी खुद को सुरक्षित रखते हुए अपना बचाव कैसे करें, इसका प्रशिक्षण लड़कियों को देना बेहद जरूरी है। स्कूलों में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए आत्मसुरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य करने संबंधी प्रस्ताव जल्द शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
प्रवीण घुगे ने कहा कि निर्भया प्रकरण के बाद महिलाओं और लड़कियों पर होनेवाले अत्याचार के संबंध में समाज संवेदनशील हो गया है। ‘सेव द चिल्ड्रेन’ जैसी संस्थाएं इस प्रश्न पर व्यापक रूप से काम कर रही हैं। उनकी सिफारिशों के आधार पर नीति बनाने में मदद मिल रही है। फुटपाथ पर रहनेवाले बच्चों को आधारकार्ड दिलाने के लिए बाल अधिकार आयोग ने अभियान चलाने का फैसला किया है। सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से इस काम को व्यापक स्वरूप देकर फुटपाथ पर रहनेवाले वंचित बालकों के लिए व्यापक कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सचिव विनिता सिंगल, बाल अधिकार आयोग की सचिव सीमा व्यास, ‘सेव द चिल्ड्रेन’ संस्था के महाराष्ट्र प्रमुख संजय शर्मा, सावित्रीबाई फुले पुरस्कार विजेता सालेहा खान आदि उपस्थित थे।
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