इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने विवादित गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र पर प्रशासनिक प्राधिकरण का इस्तेमाल करने के अपने नवीनतम कदम पर भारत के विरोध को खारिज कर दिया और कहा है कि जम्मू-कश्मीर पर भारत के फर्जी दावे से इतिहास से लेकर जमीनी हकीकत तक सब कुछ विरोधाभासी हो गया है। पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने 21 मई को गिलगित बाल्टिस्तान आर्डर 2018 को मंजूरी दी थी जिसका क्षेत्र की असेंबली ने भी समर्थन किया था। इस आदेश को, पाकिस्तान द्वारा इस विवादित क्षेत्र को अपने पांचवें प्रांत के रूप में शामिल करने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।भारत ने कल नयी दिल्ली में पाकिस्तान के उपउच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब कर पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ा विरोध जताया। भारत ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा गैरकानूनी तरीके से और जबरदस्ती कब्जा किए गए इस भाग के किसी भी इलाके की मौजूदा स्थिति में छेडछाड़ का कोई कानूनी आधार नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि मंत्रालय ने शाह को बता दिया है कि कथित गिलगित बाल्टिस्तान सहित जम्मू कश्मीर का पूरा हिस्सा 1947 में इसके भारत में विलय के बाद से ही भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने इस पर बयान जारी कर दावा किया कि जम्मू-कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है।प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान आदेश 2018 पर भारत के विरोध और जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताने वाले उसके दावे को पूरी तरह खारिज करता है। इतिहास से लेकर कानून तक और नैतिकता से लेकर जमीनी हकीकत तक भारत के फर्जी दावे को झुठलाते हैं।
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