देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति के नियमों में परिवर्तन करते हुए सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला किया जिसके तहत अब कॉलेजोंं में भी प्रोफेसर होंगे और पीआई(एसेसमेंट परफोमेंट इंडेक्स) प्रणाली को खत्म कर दिया गया है एवं नये शिक्षकों की नियुक्ति के बाद उन्हें अध्यापन के लिए एक महीने का कोर्स करना पड़ेगा। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज यहां देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता को निर्धारित करने की नई नियमावली की घोषणा करते हुए यह जानकारी पत्रकारों को दी।
जावड़ेकर ने बताया कि 2021 के बाद विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पीएचडी को अनिवार्य कर दिया गया है और कॉलेजों में भी सहायक प्रोफेसर(सेलेक्शन ग्रेड) की पदोन्नति के लिए भी पीएचडी को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि नई नियमावली में दुनिया के पांच सौ श्रेष्ठ रैंकिंग विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से पीएचडी करने वाले लोगों को भी सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में मान्यता दी जाएगी और उनकी नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान किये जाएंगे।
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