-तत्कालीन एसडीएम इन्द्रमणि त्रिपाठी ने दर्ज कराया था रामकोट थाने में मुकदमा
-जिले के आला अधिकारियो को गुमराह करते रहे लेखपाल
– चकबन्दी विभाग की भूमिका संदिग्ध जानकारी के बाद भी नही की कार्यवाही
सीतापुर- माननीय उच्चन्यायालय के बार बार आदेश के पश्चात भी आखिर क्यो नही हट पा रहा है । तालाबो पर लोगो द्वारा किया गया कब्जा अखिर क्या उन लोगो का अधिकार बन गया है । यदि ऐसा नही है तो फिर किसके आदेश से हटाया जाएगा अवैध कब्जा इसी का जीता जागता प्रमाण है । ग्राम सभा जवाहरपुर के मजरा कटैया के तालाब सं0 256 पर किया गया अबैध कब्जा जिसे हटाने के लिए कई बार जिला प्रशासन को अवगत कराया गया फिर भी कोई कार्यवाही नही की गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 08 वर्ष पूर्व ग्राम सभा जवाहर पुर के मजरा कटैया के तालाब सं0256 जिसका रकबा 0.6280है । इस तालाब पर कटैया गांव के मूलचन्द पुत्र बद्री द्वारा भवन निर्माण कराया जा रहा था। इस बात का खुलासा एक लोकवाणी सं0178778दि0.15.11.2010 के माध्यम से हुआ था। रामकोट वजीरनगर मार्ग पर कटैया गांव के पास तालाब सं0 256 सडक के दोनो ओर है । दक्षिण और बडा भाग व उत्तर तरफ छोटा भाग है । पीलर खडे है । निर्माण कार्य किया गया है । इस सूचना के बाद तत्कालीन उपजिलाधिकारी द्वारा पीडीपी एक्ट के अन्र्तगत थाना रामकोट में अभियोग तत्कालीन लेखपाल के माध्ण्यम से दर्ज कराया गया साथ किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी । लेकिन तालाब पर अबैध कब्जा आज भी है कब्जा न हटना एक गंभीर मामला है चकबन्दी का कार्य चल रहा है सूत्र बताते है कि चकबन्दी क ेलेखपाल व कानूनगो की मिली भगत से तालाव का कुछ भाग किसी विशेष व्यक्ति को इस आशय के साथ दे ििदया गया है कि उनकी जमीन कम है वह यही से पूरी की जा सकती है।
अवैध कब्जे की सूचना जिलाधिकारी को दी जानी चाहिए थी जैसा कि उ0प्र0जमीदारी विनाश और भूमि व्यवस्था नियमावली,1952के नियम 111तथा 115 ज मे इस बात का उल्लेख किया गया है कि कलेक्टर को ग्राम सभा की सम्पत्ति की क्षति या उस पर अनधिकृति कब्जा करने के सब मामलो की सूचना दें साथ ही ऐसी सूचना की एक प्रति भूमि प्रबन्ध समिति जिला कलेक्टर को भी भेजे लेकिन तत्कालीन लेखपाल द्वारा किसी उच्च अधिकारी को किसी प्रकार की सूचना नही दी गयी ।
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