उरई। करोड़ो खर्च होने के बावजूद भी मेडिकल कॉलेज मे मरीजो को सुविधाये मिलने का नाम नही ले रही है। आलम यह है कि दूर दराज से इलाज काने मेडिकल कॉलेज पहुंचे मरीजो को इलाज के अभाव मे ही वापस लौटना पड़ता है। पूरे मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था एक ही काउण्टर के भरोसे चल रही है। जिससे लाइन मे लगे मरीजो को पर्चे के लिये कई घण्टो का इंतजार करना पड़ता है। तब तक अपने कक्षो मे बैठे चिकित्सक समय हो जाने के कारण वापस चले जाते है। जिसके बाद मरीजो को मजबूरन वापस लौटना पड़ता है।
बताते चले कि जिले के लोगों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्थ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा मेडिकल कालेज की स्थापना की गयी है। शासन द्वारा जिस उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज की स्थापना जनपद मे की गयी थी वह सिद्ध होता दिखाई नही दे रहा है। मेडिकल कॉलेज मे तैनात जिम्मेदार शासन की मंशा को पलीता लगाने मे लगे हुये है। आलम यह है कि इलाज के लिये दूर दराज से पहुंचे मरीजो को इलाज के अभाव मे वापस लौटना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज मे पर्चा बनवाने के लिये चार काउण्टरो की व्यवस्था की गयी है। बावजूद इसके केवल एक ही काउण्टर का संचालन किा जा रहा है। जिस पर महिला व पुरूषो दोनो के लिये एक ही काउण्टर की व्यवस्था है। एक ही काउण्टर के संचालन से पर्चा काउण्टर पर मरीजो की लम्बी कतारे लग जाती है। जिससे मरीजो को घण्टो इंतजार करना पड़ता है। वही कई मरीज घण्टो लाइन मे लगे रहने के कारण लाइन मे ही बैठ जाते है। वही जब तक मरीज का पर्चा बनता है तब तक समय समाप्त हो जाने के कारण डाक्टर अपने कक्षो से चले जाते है। जिस कारण मरीजो को इलाज के अभाव मे वापस लौटना पड़ता है। इलाज के लिये मेडिकल पहुंचे नगर के पाठकपुरा निवासी कल्लू, जयहिन्द, मलखान, शादाब, कुदारी निवासी फूलकुमारी ने बताया कि वह इलाज के लिये मेडिकल कॉलेज आये थे लेकिन एक ही काउण्टर के संचालन से लम्बी लाइन मे उन्हे लगना पड़ा। पर्चा बनवाने के लिये घण्टो इंतजार करना पड़ता है।
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Friday, 15 June 2018
एक काउन्टर के भरोसे चल रही मेडिकल कॉलेज मे चिकित्सा व्यवस्था
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