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Thursday 2 August 2018

संक्रामक रोग की चपेट में आने से बालक की मौत

फिरोजाबाद। थाना दक्षिण के मौहल्ला फुलवाडी में गुरूवार की प्रातः संक्रामक रोग की चपेट मंे आने से एक बालक की मौत हो गयी। जानकारी होते ही स्वास्थ विभाग में हडकम्प मच गया। स्वास्थ विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और सभी घरों में लोगों का चैकअप कर दवाओं का वितरण किया। स्वास्थ विभाग ने सामूहिक रूप से संक्रामक रोग फैलने सम्बंधी बात से इंकार किया है।
मौहल्ला फुलवाडी निवासी मनोज के आठ वर्षीय पुत्र ललितेश की गुरूवार की प्रातः अचानक मौत हो गयी। मनोज की मौत से परिवार के साथ क्षेत्रिय लोगों में हडकम्प मच गया। बताया जाता है कि ललितेश किसी कारखाने में काम करता था वह गुरूवार की सांय काम करके वापस जव घर लौटा तो उसकी हालत बिगड गयी। जिसके बाद परिजनों ने उसे मौहल्ले में ही किसी चिकित्सक को दिखाया। गुरूवार की प्रातः उसने दम तोड दिया। परिजनों ने क्षेत्र में गंदगी के कारण डायरिया से मौत का आरोप लगाते हुये क्षेत्रिय लोगों के साथ हंगामा काटना शुरू कर दिया। नगर विधायक मनीष असीजा मौके पर पहुंचे और परिवार को ढांडस बंधाया। इधर बालक की मौत की जानकारी जैसे ही स्वास्थ विभाग को हुई हो हडकम्प मच गया। सीएमओ एस के दीक्षित स्वास्थ्य टीम के साथ मौहल्ला फुलवाडी पहुंच गये। स्वास्थ टीम ने क्षेत्र के घरों में उपस्थित सदस्यों का चैकअप किया। जिसमें से 117 लोग विभिन्न बीमारियेां से ग्रसित पाये गये है। जिसमें 54 खांसी बुखार, 57 त्वचा रोग, 4 उल्टी व 2 दस्त से पीडित पाये गये है। जिन्हे तत्काल उपचार उपलब्ध कराया गया है। सतर्कता के तौर पर टीमें क्षेत्र में कैम्प किये हुये है।
सीएमओ एस के दीक्षित ने बताया कि क्षेत्र में गंदे जलभराव की समस्या है। पीने के लिये स्वच्छ पानी उपलब्ध नही है। पानी का सैंपल लेकर जांच को भेजा गया है। साथ ही क्षेत्रिय लोगों ने बताया कि शौंचालय ना होने के कारण यहां के लोग खुले में शौंच कर रहे है। इसलिये क्षेत्र में गंदगी व्याप्त है। बीमार का कारण क्षेत्र में गंदगी का सम्राज्य व्याप्त होना माना जा रहा है। उनका कहना है कि सामूहिक संक्रामक रोग या डायरिया जैसी कोई स्थिति नही है क्योंकि जिला अस्पताल में भी कोई मरीज इस तरह का इलाज के लिये नही पहंुचा है।
गौरतलब है कि इस क्षेत्र में पहले भी गंदगी के कारण संक्रामक रोग फैलने से कई मौते हो चुकी है। जिससे शासन में हडकम्प मचा था। जलकल विभाग के इंजीनियर सहित चिकित्सक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री को भी निरीक्षण को आना पडा था लेकिन इसके बाद भी यह क्षेत्र जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। यही कारण है कि यहां गंदगी का सम्राज्य है।

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