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Thursday 2 August 2018

आज ही के दिन Sehwag ने जड़ा था पहला शतक…

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और ओपनिंग बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के लिए आज का दिन बेहद खास है। 1 अप्रैल 1999 में भारतीय टीम की तरफ से वनडे में डेब्यू करने वाले सहवाग ने आज ही के दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा था।
सहवाग के बल्ले से ये शतक 14 मैच खेलने के बाद निकला था। ये मैच कोलंबो में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला गया था जहां सहवाग ने धुआंदार पारी खेलते हुए सिर्फ 70 गेंदों में 100 रन बनाए थे। इस पारी में सहवाग ने 142 के स्ट्राइक रेट के साथ 19 चौके और एक छक्के की मदद से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक बनाया था।
सहवाग को एक अच्छा ओपनर बनाने में उस समय के कप्तान सौरव गांगुली ने एक खास भूमिका निभाई थी। दरअसल जब सहवाग को टीम में चुना गया था उस समय उन्हें लोअर ऑर्डर में बल्लेबाजी करवाई गई थी। उन्होंने शतक से पहले शुरुआती 13 मैचों में से 11 मैचों में लोअर ऑर्डर पर बल्लेबाजी की। लेकिन टीम के कप्तान गांगुली को लगा कि सहवाग पुरानी गेंद से खेलने वाले बल्लेबाज नहीं बल्कि नई गेंद से बल्लेबाजी के लिए ही बने हैं। सहवाग के पास अच्छा फुटवर्क भी नहीं था लेकिन इसके बावजूद गांगुली ने उन्हें ओपनिंग करने के लिए कहा।
सबसे पहली बार ओपनिंग सहवाग से न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलंबो में खेले गए मैच में ही की थी। सहवाग अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वो 33 रन बनाकर रन आउट हो गए। इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ खेले गए अगले मैच में भी टीम की पारी को आगे तो बढ़ाया लेकिन पांच चौकों की मदद से 27 रन बनाकर वो एक बार फिर आउट हो गए।
अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट में तीसरी बार ओपनिंग कर रहे सहवाग ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए इस मैच में फिर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई और इसी के साथ शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने 100 रन पूरे कर लिए। उन्होंने कुल 251 वनडे मैच खेले हैं और इनमें से सिर्फ शुरुआती 11 मैचों के अलावा वो टीम में हमेशा बतौर ओपनिंग बल्लेबाज ही खेले।
सहवाग की ओपनिंग बल्लेबाजी का विरोधी टीम में इतना खौंफ रहता था कि चाहे 10 ओवर तक सहवाग के बल्ले से रन नहीं निकल रहे हों लेकिन पिच पर उनकी मौजूदगी ही विरोधी टीम और उनके गेंदबाजों के मन में दहशत पैदा कर देती थी।

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