लखनऊ। देश की पहली ‘मेक इन इंडिया’ ‘ट्रेन 18’ बनकर तैयार है। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) जल्द ही बिना इंजन वाली ट्रेन का ट्रायल करेगा। यह काम 80 दिनों में पूरा होगा। इसके लिए दो अधिकारी चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोर्स फैक्ट्री (आईसीएफ) जाएंगे। यह जानकारी आरडीएसओ के नवनियुक्त महानिदेशक वीरेंद्र कुमार ने दी। वह आरडीएसओ में स्वच्छता पखवाड़े को लेकर मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 16 बोगियों यह ट्रेन सेल्फ प्रोपल्शन सिस्टम से चलेगी। बोगियों के नीचे ट्रैक्शन मोटर लगी होगी। यह ट्रेन आईसीएफ से 15 अक्टूबर तक निकलेगी। इस ट्रेन को सबसे पहले दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस की जगह चलाया जाएगा। इससे पहले ट्रेन 18 का ट्रायल दो रूटों पर किया जाएगा। मुरादाबाद से सहारनपुर रूट पर ट्रेन का ट्रायल 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा। जबकि आगरा से बीना के बीच ट्रेन की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा की जाएगी।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है ट्रेन
ट्रेन 18 पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन में वातानुकूलित सिस्टम लगा हुआ है। इस ट्रेन को एग्जीक्यूटिव व नान एग्जीक्यूटिव क्लास में बांटा गया है। एक्सिक्यूटिव क्लास की कुर्सियों को ट्रेन के चलने की दिशा में घुमाया जा सकता है। लोको पायलट को बैठने के लिए एयरोडायनेमिक नोट बनाया गया है।इसके अतिरिक्त ट्रेन में वाईफाई, जीपीएस, पैसेंजर इन्फोटेनमेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक डोर, एलईडी लाइटें, दिव्यांग के लिए प्लेटफार्म की और खुलने वाला रैम्प, सीसीटीवी, यात्रियों के लिए इमरजेंसी टॉकबैक यूनिट, यूरोपियन स्टाइल की सीटें मॉडलर टॉयलेट, पैंटिकार आदि सुविधाएँ हैं।
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