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Thursday 4 October 2018

मुझे गजराती होने का गर्व है:फ्रेडी दारूवाला

बॉलीवुड एक्शन अभिनेता फ्रेडी दारूवाला उनकी पिछली फिल्म ‘रेस-3’को लेकर काफी चर्चे में रहे,और अब वह फिर से अपनी मातृ भाषा की फ़िल्म ‘सूर्यांश’को लेकर चर्चे के घेरे में है उनकी यह दूसरी गुजराती फ़िल्म होगी जिनके चलते हालही में हुए उनके साथ बातचीत के मुख्य अंश पेश है।

आपकी दूसरी गुजराती फ़िल्म है ‘सूर्यांश’,उनके बारे में बताए?
जहा तक गुजराती फ़िल्म का सवाल है तो कॉमेडी फेमिली ड्रामा ज्यादातर प्रभावित रहता है,हमारा प्रयास यह था कि गुजराती दर्शकोने जो देखा नही है,जब कमल जी मुजे इस फ़िल्म के बारे में अप्रोच किया तो कहानी मुजे बेहद पसंद आए,एक एन्यूजल कहानी है एक्शन भी जरूरी था तो हमने सोचा क्युना उसे अच्छे लेवल पर ऐसी फिल्म बनाई जो अब तक लोगोने देखी ना हो,और उसके चलते हम लोगोने काम करना शरू किया उसके बाद अब लोग ट्रेलर देख कर बोलते हैं यह फ़िल्म काफी शानदार लग रही है,’सूर्यांश’एक लड़की की कहानी है,एक भाई की कहानी है,एक पुलिस इंस्पेक्टर की कहानी भी है और बाप की कहानी भी है!

गुजराती इंडस्ट्री पिछले तीन साल से काफी ग्रो कर रही है आपको लगता है बॉलीवुड को टक्कर दे पाएगी?
टक्कर देने का तो कोई सवाल ही नही है,क्योंकि हम किसी को टक्कर देने के लिए फ़िल्म नही करते,हम विकास के लिए फ़िल्म बनाते हैं,प्रोग्रेस के लिए और फैशन के लिए फ़िल्म बनाते हैं,हम किसी को प्रु करने के लिए फ़िल्म नही बनाते,जो भी फ़िल्म बनाता और जो कहानी लिखता है,किसी को प्रु करने के लिए नही करता,वह एक फैशन और प्यार से लिखता है एक आर्टिस्ट का किसी को प्रु करने का उद्देश्य नही होता,गुजराती फ़िल्म बने या तेलुगु और हिंदी फिल्म उनका यह रीजन होता है कि अच्छी कहानी को प्रदर्शित करना,गुजराती फ़िल्म ग्रो कर रही है उनकी वजह यह भी है की काफी सारी गुजराती फिल्मे चेंज हो रही है कहानियां चेंज हो रही है,एक्टर्स चेंज हो रहे हैं,तो काफी सारा नयापन आ गया है गुजराती इंडस्ट्री में!

बॉलीवुड में काफी गुजराती कलाकार काम कर रहे हैं क्या उनको गुजराती इंडस्ट्री को सपोर्ट करना चाहिए आपका इस बात पर क्या कहना है?
में किसी और के बारे में बात नही कर पाऊंगा लेकिन यह है कि में गुजराती करता हूं,मुझे गजराती होने का गर्व है में गुजराती मीडियम में सीखा हूं,मेरी मोम गुजराती है और में गुजरात से हूं तो इसे ज्यादा ये कहुगा की मुजे मेरी मातृ भाषा पर गर्व है गुजराती और हिंदी सिनेमा में मुझे ज्यादा फर्क नही लग रहा,भाषा तो में कोई भी कर लूंगा,मेरी मुख्य कला जो हैं वो अभिनय है तो उसमे कोई भाषा और बाधाए नही आती,मैने इस साल बहुत बड़ी तेलुगु फ़िल्म भी की, हिंदी भी की है,और एक यह गुजराती बड़ी फिल्म भी लेकर आ रहा हूं,मेरा यह मानना है कि एक अभिनेता होता है वो किसी भाषा के दर्जे से सीमित नही रह सकता।

‘सूर्यांश’में आपको कौन सा पॉइंटव्यूज अच्छा लगा?
मुजे मेरे को-एक्टर्स अच्छे लगे हम लोगो ने इस फ़िल्म मस पुरी कोशिस की है के जितना भी इंटरटेनमेंट लेव्यू है वो दर्शको को दे शके,एक कहानी ऐसी बनाए हैं कि लोग देखकर बोलेगे मजा आ गया,रोमांस है,अच्छे गाने है,गुड़ लुकिंग लोग हैं,एक्शन है।

गुजराती फ़िल्म में काम करने से पहले को-एक्टर्स अनुभवी होना चाहिए, या प्रोफ़ाइल देख कर आप काम करते हैं ऐसा कुछ है आपका?
जी नही मेरी को-एक्टर्स हिना की पहली फ़िल्म है जय भट्ट की मेरे हिसाब से आठ वी फ़िल्म है, बात यह होती है कि हिंसान कितनी सिद्दत से काम करना चाहता है हम लोगो के लिए यह बहुत जरूरी है ,बाकी तो सीखने की तमन्ना हो तो आदमी कुछ भी सिख सकता है।

-दिनश जाला

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