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Wednesday 14 November 2018

अगर आप लेंगे  नियमित नींद, संतुलित आहार एवं खेलकूद में हिस्सा, तो नहीं होंगे डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित  

लखनऊ !  लायंस क्लब लखनऊ सेंचुरी एवं किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आॅफ पैरामेडिकल साइंसेस के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर कलाम सेंटर पर एक संगोष्ठि का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पैरामेडिकल एवं प्रोफेसर आॅफ सर्जरी डाॅ विनोद जैन ने बताया कि आज विश्व में लगभग साढ़ेे 42 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत लोगों का निदान नहीं हुआ है। विश्व मधुमेह दिवस की शुरूआत 1991 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य जनसामान्य को डायबिटीज से बचाव एवं हो जाने पर उसकी जटिलताओं से बचाव की जानकारी देने के लिए किया गया था।
 डायबिटीज से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ करें सरल उपाय  
डाॅ जैन ने अपने में बताया कि डायबिटीज के द्वारा हृदय रोग, बे्रन स्ट्रोक, अंधापन, किडनी का फेेल होे जाना तथा यहां तक की पैरों की भी हानि हो सकती है। उन्होंने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज होने से बचाव किया जा सकता है। आजकल कम उम्र में ही डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसका मुख्य कारण उनकी जीवनशैली में परिवर्तन तथा मानसिक तनाव है।
 डायबिटीज से ग्रसित होने से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ सरल उपाय अपनाकर इससे बचा जा सकता है।  नियमित व्यायाम, जो लगभग 300 मिनट प्रति सप्ताह, नियमित नींद, संतुलित आहार एवं खेलकूद में भाग लेने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही खाने में चोकर युक्त आटा, मौसमी फलों का छिलकों सहित प्रयोग तथा घी का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए। उनके मुताबिक, यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि इस बीमारी से संबंधित जो भी जानकारी हासिल हो उसके द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक कर समाज की सेवा करनी चाहिए।
तनावमुक्त व्यक्ति ही खुद सकारात्मक होकर समाज को सकारात्मकता की ओर ले जा सकता !   प्रो रमाकांत
 प्रोफेसर रमाकांत ने बताया कि आजकल की व्यस्त जीवनशैली एवं तनाव भी डायबिटीज का मुख्य कारण है। इससे बचने के लिए अपने आसपास का माहौल शांतिपूर्ण एवं तनावमुक्त बनाना होगा। लोगों को अपने आसपास के वातावरण को तनावपूर्ण करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि तनावमुक्त व्यक्ति ही खुद सकारात्मक होकर समाज को सकारात्मकता की ओर ले जा सकता है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता कार्यक्रम में उपस्थित डाॅ कौसर उस्मान ने बताया कि स्वस्थ व्यक्ति के चार सफेद शत्रु हैं, चीनी, नमक, मैदा और घी। इन चीजों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए तथा डायबिटीज हो जाने पर किसी विशेषज्ञ की सलाह से नियमित औषधि तथा संयमित भोजन करना चाहिए।
इस कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सेवा में उत्कृष्ट कार्य केलिए  शालिनी गुप्ता, डाॅ अंकिता जौहरी, शिवानी श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, श्याम जी मिश्रा, राघवेंद्र शर्मा, डाॅ पूजा रमाकांत कई लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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