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Wednesday 14 November 2018

केजीएमयू के क्वीनमैरी  अस्पताल के स्थापना दिवस पर दो डॉ को मिला पुरस्कार 

लखनऊ   !  केजीएमयू के  क्वीनमैरी अस्पताल देश में सबसे बड़े प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागों  में से एक है, जहां प्रति वर्ष लगभग 10,000 प्रसव होते हैं, जिसमें से अधिकतर जटिल होते है। केजीएमयू के क्वीनमैरी अस्पताल 4 नवंबर 1932 को स्थापित किया गया था। यह प्रतिवर्ष नवंबर माह में अपना स्थापना दिवस मनाता है।  जिसमें हर साल की तरह इस साल भी स्थापना दिवस के अवसर पर डाॅ  प्रभा मेहरा द्वारा कार्यक्रम बुधवार को  आयोजित किया जाता है। इस वर्ष अस्पताल का स्थापना दिवस 14 नवंबर को मनाया गया, जो विश्व मधुमेह दिवस भी है।
मरीज के ठीक होने में उपचार के साथ-साथ  मनोबल एवं मानसिक स्थिति का अहम योगदान
डाॅ गिरिराज चंदक एमडी, पीएचडी, ग्रुप लीडर, सीएसआईआर-सेंटर फाॅर सेलुलर और आण्विक जीवविज्ञान सीएसआईआर-सीसी एमबी  , ने बताया कि, डायबटीज, उच्चरक्त चाप एवं हृदय रोग की उत्पत्ति का कारण गर्भावस्था में भ्रूण पर गर्भवती माता के खान-पान, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के योगदान के विषय में बता या गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डाॅ विनीतादास द्वारा विभागीय रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। पिछले एक साल में विभाग में मरीजों के हित के लिए भी कई नई सुविधाएं भी शामिल की गई हैं। साथ ही संकाय सदस्यों और रेजीडेंट को पठन-पाठन में विभिन्न पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
मरीज के ठीक होने में उपचार के साथ-साथ उसके मनोबल एवं मानसिक स्थिति का अहम योगदान होता है। इस प्रक्रिया में चिकित्सक के व्यवहार का भी बहुत महत्व है, इसलिए प्रति वर्ष क्वीनमैरी अस्पताल में एक रेजीडेंट को सबसे मानवीय गुणवत्ता के आधार पर मतदान प्रक्रिया द्वारा चुना जाता है और उसे पदक भी दिया जाता है। इस साल  यह पुरस्कार डाॅ सुमैय्या साद और आयुषी शुक्ला को प्रदान किया गया। इसके साथ ही विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी उनके उत्कृष्ट काम के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें मुख्य रूप से क्लर्क  विमला, स्टाफ नर्स  राजकुमारी,  संतोष एव  तनुलदत्ता शामिलहैं।

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