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Saturday, 1 December 2018

क्या है पंचायती राज का हाल पंचायत लोकनाथपुर का क्या है हाल

सुुुल तानपुर—–    ग्राम पंचायतें स्वयं के समग्र विकास हेतु पंचवर्षीय एवं वार्षिक योजना का निर्माण करेंगी, ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार की जाने वाली ग्राम पंचायत विकास योजना सहभागी नियोजन एवं विभिन्न संसाधनों के अभिसरण (कनवर्जेन्स) पर आधारित होगी, ग्राम पंचायत विकास योजना के अन्तर्गत 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग, मनरेगा, एन.आर.एल. एम, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पंचायत भवन निर्माण, अंत्येष्टि स्थलों का विकास तथा ग्राम पंचायत की स्वयं की आय को सम्मिलित करते हुए उपलब्ध वित्तीय एवं मानव संसाधनों का अभिसरण (कनवर्जेन्स) किया जायेगा,प्रदेश में इस व्यवस्था का नाम ग्राम पंचायत विकास योजना “हमारी योजना हमारा विकास” है,सरकार की योजनाएं गांव के हर वर्ग के कमजोर लोगो तक सीधे पहुंचे जिसके लिए बनाया गया पंचायती राज सिर्फ लूट खसोट का केंद्र बन गया है, मोदी सरकार पंच्याती राज में हो रहे भृष्टाचार को लेकर ऑनलाइन सिस्टम के जरिये ग्राम पंचायतों को सिस्टम बदला लेकिन लूट खसोट का खेल खत्म होने का नाम नही ले रहा है

क्या है मामला—-
ऐसा मामला दोस्तपुर के लोकनाथपुर ग्राम पंचायत का है जहाँ पर सड़क बने , शौचालय बने, नाली बने प्रधानमंत्री आवास योजना बंटा कही सड़के नही बने,लेकिन रुपया निकल गया ,सारे हुए कार्यो में धन का बादरबंट हुआ यह आरोप गांव के ही लोग रहे है किसी का आरोप है कि उसके एलाट मकान को प्रधान द्वारा कटवा कर दूसरे व्यक्ति को दे दिया गया तो किसी का आरोप है कि तीन साल से पेंशन के लिये प्रधान से कह कह कर थक गये लेकिन पेंशन नही बना तो वही गांव के अनन्य लोगो का आरोप है कि जो भी सड़क नाली व् कुएं बनाये गए है वह बालू व् पीले ईंटे से बनाया गया है वही सरकार की महत्वपूर्ण योजना ओ डी एफ का तो बुरा हाल गांव में शौचायल का निर्माण कराया गया है लेकिन शौचायल में शौच के लिये कोई जाने को तैयार नही है आरोप यह है कि शौचायल की सीटें बैठ गई है दिवाले दम तोड़ चुकी है दो गड्ढे की जगह शौचालय में एक ही गड्ढा बनाया गया है ऐसा नही इन सबकी देख रेख के लिये सरकार ने कोई कोर कसर छोड़ा हो सिकरेट्री से लेकर ग्राम पंचायत अधिकारी सहित एक जे ई की तैनाती की गई है लेकिन भ्रस्टाचार की यह जननी सरकार की योजनाओं के मुखोटों को बिगाड़ रक्खा है ।

अपने दायित्यों से भटक रहे प्रधान ———
मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां
गांव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना ,ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है.गांव में पक्की सड़कगांव में पक्की सड़कगांव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करनाइसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है
.पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना,
दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करनाग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है. इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए. पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो.
सिंचाई के साधन की व्यवस्था
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है.गांव में सिंचाई का प्रबंधगांव में सिंचाई का प्रबंध
गांव में स्वच्छता बनाये रखना
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गांव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहू टीका लगा रही हैं कि नहीं, ये भी देखना होता है.गांव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट का इंतजाम करनाग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे.
दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख-रखाव करना
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है. कब्रिस्तान की चाहरदीवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है.गांव में खेती को बढ़ावा देना भी पंचायत का कामगांव में खेती को बढ़ावा देना भी पंचायत का काम
,कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना
गांवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें.कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करनाअगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है, तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें.
गांव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना
गांव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना, ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें.गांवों में खेल को बढ़ावा देना, खेल का मैदान आदि भी प्रधान की जिम्मेदारी हैगांवों में खेल को बढ़ावा देना, खेल का मैदान आदि भी प्रधान की जिम्मेदारी हैखेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना,बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना. कई प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना.
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गांव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख-रखाव करना. जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना.
गांव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना
गांव को हरा-भरा बनाने के लिए गांव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें.
गांव में हो हरियाली और पेड़ पौधेगांव में हो हरियाली और पेड़ पौधे
जन्म-मृत्यु, विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना
ग्राम पंचायत में जन्म-मृत्यु, विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए. इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है.
गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना.
गांव में भाईचारे का माहौल बनाना
गांव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो, ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना.
आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कर्मियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है.
मछली पालन को बढ़ावा देना
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है. अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं, तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया.

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