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Saturday, 1 December 2018

विश्व एड्स दिवस: पीड़ित के साथ आत्मीयता का व्यवहार करें, आंसू न दें

अलीगढ़। जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण माननीय नवीन श्रीवास्तव के निर्देश पर आज जिला मलखान सिंह चिकित्सालय में “विश्व एड्स दिवस” एक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राधिकरण सचिव श्री त्रिभुवन नाथ पासवान ने एच०आई०वी०/एड्स (बचाव और नियंत्रण) एक्ट 2017 (जिसे सितम्बर 2018 में लागू किया गया) के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहाकि एड्स पीड़ित से भेदभाव दंडनीय अपराध है।

एड्स से पीड़ित व्यक्ति के अधिकार उतने ही सुरक्षित हैं जितने आम व्यक्ति के। इस अधिनियम में व्यवस्था की गई है कि व्यक्ति की सहमति से ही उसका एच०आई०वी० टेस्ट किया जा सकता है। पीड़ित व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। पीड़ित ब्यक्ति से भेदभाव नहीं किया जा सकता है और उसके प्रति दुर्भावना नहीं फैलाई जा सकती है। ऐसा करने पर तीन माह से दो साल तक की सजा एवं एक लाख रुपये तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। माननीय उच्चतम न्यायालय ने हॉस्पिटल एक्स बनाम हॉस्पिटल जेड के मामले में अपने आदेश में कहा है कि एड्स से पीड़ित व्यक्ति को भी वैवाहिक जीवन यापन करने का अधिकार है। प्राधिकरण सचिव ने कहाकि अपने साथी के साथ वफ़ादार रहें। उसे धोखा न दें। दुर्भाग्यवश अगर हमारे घर, पडौस या जानकारी में कोई एड्स से पीड़ित है तो उसके साथ आत्मीयता का व्यवहार करें। उसका तिरस्कार न करें। उसके जीवन में मूलचूल बदलाव लायें, उसे आंसू न दें। गोष्ठी में उपस्थित पॉजिटिव प्यूपल को संम्बोधित करते हुए प्राधिकरण सचिव ने कहाकि प्राधिकरण को जिले के प्रत्येक कमजोर व्यक्ति का पैरोकार बनाया गया है। ताकि पीड़ित अपना अधिकार पा सके। अगर आपके अधिकारों का कहीं हनन हो रहा है तो प्राधिकरण आयें। प्राधिकरण आपको हर संभव विधिक सहायता उपलब्ध कराएगा। इसमें परा विधिक स्वयं सेवक आपकी मदद करेंगे। किसी भी समस्या के विधिक समाधान हेतु प्राधिकरण कार्यालय या पी०एल०वी० से संपर्क किया जा सकता है। प्राधिकरण द्वारा सभी सहायता पूरी तरह मुफ्त होगी। जिला चिकित्सालय के सी०एम०एस० डॉ० आर० किशन ने कहाकि जागरूकता से हम एड्स पर काबू पा सकते हैं। जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज में एड्स पीड़ितों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है और जल्द ही जिला अस्पताल को ई-हॉस्पिटल की श्रेणी में लाया जाएगा। जिससे आपको रिपोर्ट ऑनलाइन प्राप्त होगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० अनुपम भास्कर ने कहाकि भ्रांतियों को दूर करें, आपसी सहयोग बढ़ाएं एवं संयम से काम लें। गोष्ठी में डॉ० अनुराग राजवंशी, परामर्शदात्री जावित्री देवी, निधि शर्मा, ज्ञानेंद्र मिश्रा, सईदा खातून आदि ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर उपेन्द्र मिश्रा, रश्मि शर्मा, रवेन्द्र हरकुट, दीपक शर्मा, वीरेन्द्र स्वरुप माथुर, त्रिलोकी नाथ गौड़, प्रतिभा राघव, कविता गौड़, संध्या, उमा, वर्षा गौड़, आभा वार्ष्णेय, शबनम, रेनू, रोहित सहित सैकड़ों लोगों उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सतेन्द्र कुमार ने किया।

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