सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर केंद्र सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वह अपना पद्म भूषण सम्मान सरकार को लौटा देंगे।
81 वर्षीय अन्ना हजारे 30 जनवरी से ही अपने गांव रालेगण सिद्धि में लोकपाल के मुद्दे पर अनशन दे रहे हैं। अन्ना हजारे ने केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति की मांग नहीं मानने पर पद्म भूषण लौटाने की धमकी दी है। वहीं दूसरी तरफ अनशन को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई है। अन्ना हजारे ने कहा था कि अगर उन्हें कुछ होता है तो उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि अगर लोकपाल की नियुक्ति होती है तो काफी घोटाले रुकेंगे और प्रधानमंत्री भी इसके अधीन आएंगे। अन्ना हजारे ने कहा, ‘’मैं अपना पद्म भूषण सम्मान राष्ट्रपति को वापस लौटाउंगा। मैंने ये अवॉर्ड सामाजिक सेवा के लिए लिया था, लेकिन जब देश इस स्थिति में है, तो मैं कैसे ये अवॉर्ड रख सकता हूं?’’ आपको बता दें कि सामाजिक सेवा के लिए अन्ना हजारे को 1990 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
अन्ना हजारे की मांगों के समर्थन में, किसानों एवं युवाओं ने यहां से करीब 38 किलोमीटर दूर पारनेर तहसील के सुपा गांव में अहमदनगर-पुणे राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया। सड़क पर दोनों ओर 6 किलोमीटर लंबा यातायात जाम लग गया था। पुलिस ने सड़क पर से अवरोध खत्म करने के लिए 110 आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया। हजारे के सहयोगियों ने बताया कि जिले के करीब पांच हजार किसान हजारे के आंदोलन के समर्थन में सोमवार को अहमदनगर के कलेक्टर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस मामले में प्रदेश की बीजेपी सरकार से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि वह सामाजिक कार्यकर्ता की जिंदगी से ना ‘खेले।’ रविवार को डॉ. धनंजय पोटे ने अन्ना की स्वास्थ्य जांच करने के बाद बताया कि खाना नहीं खाने के कारण उनका 3.8 किलोग्राम वजन कम हो चुका है और ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व यूरिन में क्रिएटिन का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
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