सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस तरह से हाथों की रेखाओं का महत्व होता है ठीक वैसे ही महत्व माथे की रेखाओं का भी होता है। माथे का आकार, रंग और ललाट इंसान की उम्र के बारे में बताते हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि माथे की रेखाएं भी आपके जीवन की स्थितियों के बारें में बताता है। आइए जानते हैं कि सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार कितने तरह के मस्तक होते हैं और माथे से कैसे पता चलता है इंसान की उम्र।
ऐसे पता करें कि माथे की रेखाएं क्या कहती हैं?
• सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस इंसान के माथे पर दो पूरी रेखाएं दिखती है उस इंसान की उम 60 तक हो सकती है। इसके अलावा इस तरह के लोग जीवन में बहुत नाम कमाते हैं। पैसों की कमी इन लोगों को नहीं रहती है।
• यदि माथे की ये दो रेखाएं कटी हुई होती हैं तो इंसान पूरे जीवन हमेशा परेशान रहता है।
• जिन लोगों के माथे पर तीन रेखाएं पड़ती हैं।
वे जीवन में सुखी रहते हैं। एैसे लोग 70 साल से अधिक जीते हैं। क्योंकि तीन रेखाएं शुभ मानी जाती हैं।
• माथे पर यदि पांच रेखांए पड़ती हैं तो यह अति उत्तम मानी जाती हैं।
हर प्रकार के सुख को भोग कर ये लोग जीवन जीते हैं। इस तरह की रेखाओं वाले लोग सौ साल से अधिक जीते हैं।
• यदि माथे पर दो रेखाएं पड़ती हों और वे आपस में एक दूसरे को छूती हो एैसे लोग भी साठ साल से उपर तक जीते हैं।
• माथे पर यदि किसी तरह की कोई रेखा नहीं पड़ती हो या माथा सपाट हो तो एैस लोग तीस से चालीस वर्ष तक ही जीते हैं।
और सारा जीवन कष्ट में रहता है।
• पांच से अधिक रेखाएं यदि माथे पर पड़ती हों तो इस तरह के लोग भी अल्पआयु वाले होते हैं।
आम तौर पर इंसान के मस्तक तीन प्रकार के होते हैं।
सामान्य मस्तक
सामान्य मस्तक चेहरे की ही तरह होता है।
इस तरह के माथे पर रेखाएं आसानी से दिख जाती हैं।
निम्न मस्तक
इस तरह का मस्तक हल्का काला और थोड़ा अंदर की तरफ धंसा हुआ होता है। जिस वजह से इसमें रेखाएं साफ तरह से नहीं दिखाई देती है।
उच्च मस्तक
यह मस्तक चिकना और उपर उठा हुआ होता है।
इस तरह के माथे पर रेखाएं आसानी से दिख जाती हैं।
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