डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान की समस्याओं पर गंभीरता से विचार होगा
लखनऊ। राजधानी के डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान एवं डॉ राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय के विलय न होने के कारण उत्पन्न हुयी समस्याओं पर चर्चा आज की गई। विलय न होने से प्रमुख रूप से एम०बी०बी०एस० के छात्र छात्राओं के भविष्य पर डर बना हुआ है, जिससे सभी छात्र-छात्राएं एवं उनके अभिभावक डरे हुए हैं। जिसमें साथ ही साथ कार्यरत समस्त संकाय सदस्यों को क्लिनिकल टीचिंग में समस्याओं का सामना करना पड रहा है। मरीज़ भी उनसे समुचित रूप से लाभान्वित होने से वंचित हैं |इसके साथ ही दूसरी चर्चित विषय में यह स्पष्ट किया गया कि, एम्स जैसा संस्थान होने की परिकपना के बावजूद संस्थान के संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों को समस्त सुविधाएं नहीं उपलब्ध हैं। अभी भी संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं।
इसके लिए पहलें भी कई बार उच्च अधिकारियों एवं शासन को लिखित रूप में सूचित किया जा चूका है परन्तु इस सम्बन्ध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी है। इससे समस्त संकाय सदस्यों में भारी रोष व्याप्त है। कल होने वाली संस्थान की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में संकाय सदस्यों ने यह आशा व्यक्त की है कि संस्थान की समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इस बैठक की अध्यक्षता डा० राजन भटनागर ने की तथा संचालन डा० पी० के० दास द्वारा किया गया । इस बैठक में संस्थान के लगभग 100 संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment