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Friday 22 March 2019

हरदोई- चुनाव आते ही नेताओं को भगवान के रूप में दिखाई देने लगी जनता

गरीबों की हर दुख तकलीफ में भागीदार बनने के लिए आतुर दिखाई दे रहे नेता

बिलग्राम हरदोई / चुनाव की तारीख और राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का एलान होते ही सियासी सर गर्मियां तेज हो गई है जगह जगह गलियों और कूंचों में सियासी जंगे छिड़ चुकी हैं। जनता को किस तरह से कैसे बरगलाया जाये कैसे कहां पर कौन सी गोटी फिट की जाये जिससे कि जनता का वोट हासिल हो सके इन सभी तौर तरीकों पर बेहद बारीकी से सोचा जाने लगा है। हर छोटे से छोटे कामों को करने के लिए कभी अपनी चौखटों पर बार बार गरीबों को चक्कर लगवाने वाले नेताओं को आज वही जनता उन्ही की मझधार में फंसी नाव को पार लगाने के लिए खेवनहार लग रही हैं। बात अगर प्रत्याशियों की कीजाये तो हरदोई और मिश्रिख सीट सपा बसपा गठबंधन से नीलू सत्यार्थी एवं ऊषा वर्मा को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। जबकि कांग्रेस ने भी मिश्रिख से पूर्व मंत्री रह चुके राम लाल राही की पुत्रवधू मंजरी राही को मैदान में उतार दिया है। अभी हरदोई सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार का एलान होना बाकी है। लेकिन हरदोई सियासत में उस वक्त उबाल आ गया जब बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की जिसमें हरदोई और मिश्रिख से अपने मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा और चौकीदार डाक्टर अंजुबाला का नाम गायब कर दिया। उनकी जगह पर हरदोई से जय प्रकाश रावत एवं मिश्रिख से अशोक रावत का नाम आने से सियासी गलियारे में गहमा गहमी तेज़ हो गई। टिकट से नजरअंदाज किये गये दोनों सांसदों का दर्द भी छलका अंशुल वर्मा ने कहा मैं सबसे निचले पायदान से जिले को 14 वें पायदान पर लाया क्या दलित सांसदों के कार्य में कोई कमी रह गयी जो टिकट नहीं मिला। पार्टी में रहने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा मै मोदी जी का भक्त हूँ चौकीदार बनकर जिले पर नजर रखूँगा वहीं सांसद अंजुबाला ने अभी तक कुछ भी खुले तौर पर नहीं कहा है हां ये जरूर है कि उनके सोशल साइट फेसबुक पर दो पंक्तियाँ खूब पढ़ी जा रहीं हैं जो ये हैं
*न मांझी न रहबर न हक में हवायें*
*है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है*
सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक अंजुबाला अपने पति सतीश वर्मा के साथ लखनऊ में डेरा जमाये हुए हैं। अब आने वाला समय ही बताएगा कि वह बीजेपी में ही रहेगीं या फिर किसी अन्य दल से टिकट मिलने पर उस पार्टी से चुनाव लड़ेगी।

रिपोर्ट – कमरुल खान

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