*जिला अधिकारी ने किया हस्तक्षेप तो बचा रवि का एक वर्ष
*नकल माफिया ने बीएससी के छात्र को नहीं दिया प्रवेश पत्र
*समय रहते जिलाअधिकारी ने लिया संज्ञान विद्यालय प्रबन्धक को लगाई फटकार
डीएम के हस्तक्षेप पर छात्र ने दी परीक्षा नही तो उसके भविष्य से कर दिया था नकल माफिया ने खिलवाड़
फोटो-आवश्यक
मल्लावॉ। हरदोई।प्रदेश सरकार के नकल विहीन परिक्षा कराने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं नकल माफियाओं पर नकेल कसने में यूपी सरकार पूरी तरह फेल नजर आ रही है। सरकार की मंशा थी कि प्रदेश में सभी स्कूल कालेजों में नकल मुक्त परिक्षा कराई जाये जिसके लिए कडे आदेश भी दिये थे लेकिन जिलाधिकारी पुलकित खरे ने तो माध्यमिक परीक्षा में जी तोड़ मेहनत की और नकल विहीन परीक्षा कराने में अल्प लोगों पर कार्यवाही का हंटर भी चलाया जो लोगों के बीच और समाचार पत्रों में खूब शुर्खिया बनी। परन्तु जब महाविद्यालयों में स्नातक पर स्नातक की परिक्षाए शुरू हुई तो ऐसे अधिकतर महाविद्यालयों में नकल का गंदा खेल फिर शुरू हो गया जो अभी भी अनवरत जारी है। नकल माफियाओं के गढ मल्लावा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज नकल माफिया घुरई लाल वर्मा साइंस महाविद्यालय रौंसा नया गांव में बीएससी का छात्र रवि मिश्रा को प्रबंध तंत्र ने वसूली को लेकर परीक्षार्थी के द्वारा विनती व गिड़गिड़ाने के बावजूद उस छात्र को प्रवेश पत्र नहीं दिया गया ।जिसके बाद जिलाधिकारी के हस्तक्षेप पर छात्र को प्रबंध तंत्र ने प्रवेश पत्र मुहैया कराया।लेकिन जिलाधिकारी द्वारा मामले को तुरंत संज्ञान में न लिया जाता तो शायद रवि का नकल माफियाओं की दादागिरी के चलते छात्र का शोषण व अवैध वसूली के चलते एक वर्ष खराब हो जाता।क्षेत्र में डिग्री कॉलेज माफियाओं के द्वारा बड़े स्तर पर अवैध वसूली को लेकर क्षेत्र में सदैव ऐसे कालेज चर्चा में रहते हैं।लेकिन इन कालेज माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं की राजनीतिक पहुंच व पैसे के दम पर खुला नकल करवाते हैं। जिसके एवज में छात्रों से भारी रकम वसूल की जाती है।अगर परीक्षार्थी रकम ना दे तो उसको प्रवेश पत्र नहीं दिया जाता है।या उसे विभिन्न प्रकार की गलतफहमी में डालकर बरगलाया जाता है नकल माफिया परिक्षा में नकल कराने के बदले रुपए जमा करने का निर्देश देते हैैं।तब कहीं जाकर छात्र अपनी परीक्षा दे पाते हैं।इनसेट-छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से सम्बद्ध जनपद हरदोई में दर्जनों कालेज में ऐसा कार्य अनवरत जारी है जिलाधिकारी जहाँ लोकसभा चुनाव में व्यस्त है तो वही नकल माफिया विश्वविद्यालय व विभागीय मिलीभगत से जिला अधिकारी की आंखों में धूल झोंककर अपने कारनामे को अंजाम दे रहे है । अगर ऐसे महाविद्यालयों की जल्दी नकेल न कसी गयी तो प्रदेश में ये महाविद्यालय फिर नकल कराने का अड्डा बन जायेगें
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