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Saturday, 9 March 2019

गोसाईगंज डकैती कांड में थाना प्रभारी का अहम रोल, पीड़ितों को छोड़ने की कर रहे थे डीलिंग

गुडवर्क का ताना बाना बुन रहे थे पुलिसकर्मी।
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज स्थित ओमेक्स अपार्टमेंट में सुल्तानपुर के कोयला कारोबारी अंकित अग्रहरी के फ्लैट में पुलिसकर्मियों ने जो एक करोड़ 85 लाख रुपए लूटे। उसमें से मुखबिर मधुकर मिश्रा के पास एक करोड़ से ज्यादा रुपए बताए जा रहे हैं। पकड़े गए पुलिसकर्मियों ने बताया कि फ्लैट में घुसने से पहले मुखबिर ने करोड़ की डील की थी। हालांकि वह इससे अधिक रकम लेकर भाग गया। शेष रकम में से हर पुलिसकर्मी के हिस्से में 9 से 10 लाख रूपये आती। इस पूरे मामले में थाना प्रभारी गोसाईगंज अजय प्रकाश त्रिपाठी का अहम हाथ माना जा रहा है।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि गोसाईगंज के पुलिसकर्मियों को मधुकर नाम के मुखबिर ने रुपए रखे होने की सूचना दी थी। उसकी सूचना पर दरोगा पवन मिश्रा और आशीष तिवारी ने डकैती डाली थी। लूटपाट के बाद पुलिस और आयकर विभाग को बुलाया। रुपए लूटने के बाद दरोगा पवन मिश्रा व आशीष तिवारी ने अहिमामऊ चौकी प्रभारी प्रेम शंकर पांडेय को मौके पर बुलाया। ब्लैक मनी पकड़े जाने की सूचना मिलते ही क्षेत्राधिकारी मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ला भी मौके पर पहुंच गए। सीओ ने पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद फ्लैट से मिली 1.53 करोड रुपए नगद सुरक्षित करते हुए आयकर विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी। आयकर विभाग की टीम के बारे में अंकित व उसके साथियों से पूछताछ कर रही है।

थाने के ऊपर बने कमरे में हुई डील, प्रशिक्षु आईपीएस रहे अंजान
इस पूरे मामले में गोसाईगंज थाना प्रभारी अजय प्रकाश त्रिपाठी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। उनसे जब सुबह बातचीत की गई तो उन्होंने 8 लोगों को हिरासत में होने की बात कही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक फ्लैट से रुपए बरामद करने के साथ ही अंकित व उसके साथियों को थाना के ऊपर अपने कमरे में लाया गया। यहां पुलिसकर्मी घंटों तय करते रहे कि कितने रुपए अधिकारी को दिखाया जाए। पकड़े गए युवकों को छोड़ने के लिए भी डील होती रही। थाना प्रभारी और वहां तैनात प्रशिक्षु आईपीएस अरज रजा इस बात से अंजान रहे।

सीसीटीवी फुटेज में रुपये लेते भागता दिखा मुखबिर
एसएसपी के आदेश पर जांच के लिए ओमेक्स अपार्टमेंट पहुंचे एसपी ग्रामीण विक्रांतवीर सिंह ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो मुखबिर मधुकर गाड़ी में कुछ बैग और सामान लेकर जाता दिखा। वह अहिमामऊ चौकी प्रभारी प्रेम शंकर पांडेय के अपार्टमेंट में पहुंचने के कुछ मिनट पहले ही पैसे लेकर भाग निकला था।

एक मंत्री का करीबी है कारोबारी
कारोबारी अंकित अग्रहरि एक मंत्री का करीबी बताया जा रहा है। पुलिसकर्मी लूट के बाद गुडवर्क का ताना बाना बुन रहे थे। लेकिन उधर मंत्री का फोन आ गया। जिससे अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए। अधिकारियों ने मौके पर जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भेजी और पूरे मामले का खुलासा किया।

फ्लैट से मिली पिस्टल के मालिक को ढूंढ रही पुलिस
जाँच के दौरान पुलिस को फ्लैट से एक .32 बोर की पिस्टल के साथ चार कारतूस मिले हैं। ये पिस्टल किसकी है? इसकी जांच की जा रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि ये पिस्टल लूट करने आये दरोगा की तो नहीं है? इस दिशा में पड़ताल की जा रही है। एसएसपी ने बताया कि पिस्टल और कारतूस सील कर दिए गए हैं।

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