लखनऊ। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने जिले में चिह्नित ऐसे टॉप 15 अपराधियों की सूची मांगी है, जो वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर हैं। उन्होंने तीन दिनों के अंदर यह सूची डीजीपी मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इन अपराधियों की मुख्यालय के क्राइम सेक्शन द्वारा लगातार समीक्षा की जाएगी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी जोनल एडीजी, आईजी-डीआईजी रेंज तथा जिलों के पुलिस कप्तानों के लिए जारी दिशा-निर्देश में डीजीपी ने कहा है कि जेल से जमानत पर छूटने वाले कुख्यात अपराधियों एवं चिह्नित टॉप-15 अपराधियों की मॉनीटरिंग की जाए। उन्होंने कहा है कि इन अपराधियों की निगरानी प्रत्येक स्तर से किया जाना जरूरी है। प्रत्येक जनपदीय मॉनीटरिंग सेल के इंस्पेक्टर इनकी निगरानी करेंगे। इस सेल को और अधिक उत्तरदायी एवं प्रभावी बनाया जाए। जनपदीय थानों के प्रभारी एवं सर्किल अधिकारियों द्वारा भी कार्ययोजना बनाकर ऐसे टॉप-15 अपराधियों की जो जमानत पर छूट चुके हैं, उनकी लगातार मॉनीटरिंग की जाए एवं इसके लिए अभिसूचना तंत्र को भी सक्रिय किया जाए। जिलों के पुलिस कप्तान भी इनकी क्लोज मॉनीटरिंग कराएं। इसी तरह जोन एवं रेंज स्तर पर भी प्रभावी कार्ययोजना बनाकर ऐसे कुख्यात अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। प्रत्येक जिले में इस कार्रवाई के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। डीजीपी ने कहा है कि जेल से छूटे कुख्यात अपराधियों की सूचना तत्काल प्राप्त की जाए। इसके लिए जेल के अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए। चिह्नित, सक्रिय एवं अभ्यस्त अपराधियों की अपराधिक गतिविधियों को समाप्त करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश गैंगस्टर व समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा के उपबंधों के अनुसार ऐसे अभियुक्तों की अपराध से अर्जित सम्पत्तियों को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त कराने की कार्रवाई की जाए।
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