मामले की जांच कर रहे लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कानपुर एसटीएफ की टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है।
लखनऊ। व्यापारी को अगवाकर लूटपाट करने के मामले में कानपुर की एसटीएफ की टीम दोषी पाई गई है। मामले की जांच कर रहे लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कानपुर एसटीएफ की टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है। एसटीएफ की टीम पर यह भी आरोप था कि रेड के दौरान पुलिसकर्मियों ने खुद को ऐंटी टेररिस्ट फोर्स का बताया। पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि एसटीएफ के पुलिसकर्मियों ने बंथरा थाने में डाले गए तस्करे में लिखा था कि वे एटीएस से हैं।
एसटीएफ कानपुर के डिप्टी एसपी विजय प्रताप यादव के नेतृत्व में उनकी टीम ने तीन मार्च को अमौसी एयरपोर्ट से कानपुर के अनवरगंज निवासी सलाउद्दीन अंसारी को उठाया था। टीम का दावा था कि उसके पास से विदेशी करंसी मिली थी। पूछताछ के दौरान सलाउद्दीन ने अपने मोहल्ले के शावेज को विदेशी करंसी के अवैध धंधे का मास्टर माइंड बताया था। एसटीएफ के मुताबिक शावेज के यहां दबिश देकर बड़ी मात्रा में विदेशी करंसी बरामद की गई। लेकिन दबिश के दौरान सलाउद्दीन फरार हो गया, जबकि शावेज घर पर नहीं मिला था। इसके बाद एसटीएफ ने 32 लाख रुपये की विदेशी करंसी कानपुर के अनवरगंज थाने जमा करवाई थी। दूसरी ओर, सलाउद्दीन का आरोप है कि टीम ने उसे अमौसी एयरपोर्ट से अगवा किया और उससे 40 लाख रुपये की विदेशी करंसी लूट ली।
अपने ही खेल में फंसते चले गए एसटीएफ के पुलिसकर्मी
एसटीएफ कानपुर की टीम व्यापारी सलाउद्दीन के मामले में एक के बाद एक गलती करती चली गई। सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ की कई गलतियां एसएसपी कलानिधि नैथानी की जांच में सामने आ गई। एसटीएफ के इंस्पेक्टर जैनुद्दीन ने एटीएस के इंस्पेक्टर के रूप में ही बंथरा थाने में पूछताछ का तस्करा डाला था। 3 मार्च की रात नौ बजकर आठ मिनट पर जीडी नंबर-40 में पूछताछ का तस्करा डाला गया था। तस्करा में लिखा गया था कि 3 मार्च की दोपहर एटीएस के निरीक्षक जैनुद्दीन अंसारी व उनके पुलिस उपाधीक्षक टीम के साथ मौजूद हैं।
कुछ लोगों को पूछताछ के लिए लाए हैं। इस पूरे मामले की जांच एसएसपी कलानिधि नैथानी को दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान एसटीएफ कानपुर यूनिट के डिप्टी एसपी विजय प्रताप यादव, इंस्पेक्टर जैनुद्दीन समेत अन्य लोगों को अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। यही नहीं व्यापारी को भी अपना बयान देने के लिए बुलाया गया था। इसके अलावा बंथरा थाने में डाले गए तस्करे व अनवरगंज थाने में जमा कराई गई करंसी की रिपोर्ट मंगाई थी।
एसएसपी की पड़ताल में डिप्टी एसपी विजय प्रताप यादव और इंस्पेक्टर जैनुद्दीन अंसारी समेत टीम के अन्य लोग दोषी मिले हैं। एसएसपी ने डीजीपी ओपी सिंह को इस संबंध में आरोपित एसटीएफ के पुलिसकर्मियों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट भेज दी है। यही नहीं एसएसपी ने आरोपित एसटीएफ पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने की संस्तुति अपनी रिपोर्ट में की है। माना जा रहा है कि जल्द इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली जाएगी।
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