लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सपा-बसपा गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के सासंद प्रवीण निषाद ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। प्रवीण निषाद के साथ-साथ निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
अगर निषाद पार्टी के प्रभाव की बात करें तो यूपी पश्चिम के कई क्षेत्रों में निषाद पार्टी का अच्छा प्रभाव है। भाजपा के साथ जाने को लेकर प्रवीण निषाद ने कहा कि ‘हमने पीएम मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर BJP से गठबंधन किया है।’
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की मौजूदगी में दोनों ने भाजपा का दामन थामा। इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा कि “पार्टी प्रवीण निषाद का स्वागत करती है। उत्तर प्रदेश में एकतरफा सुनामी भाजपा और मोदी की है। इस बार भी यूपी में जनता भाजपा को वोट देगी। इस बार वहां सारे जातीय समीकरण टूटेंगे। इसके अलावा अमेठी में भी BSP के एक प्रत्याशी ने BJP जॉइन की है।”
बता दें कि सपा को समर्थन देने वाली निषाद पार्टी ने 29 मार्च को ही अलग होने का फैसला कर लिया था। पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने घोषणा की थी कि वह गठबंधन के साथ नहीं हैं। अलग होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि “सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा था कि वह हमारी पार्टी के लिए सीटों की घोषणा करेंगे, लेकिन उन्होंने पोस्टर या किसी पत्र पर हमारा नाम तक नहीं रखा। इस बात से मेरी पार्टी के कार्यकर्ता परेशान थे, इसीलिए निषाद पार्टी ने गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया।”
गोरखपुर में निषाद पार्टी का साथ पाकर ही अखिलेश यादव जीत का दंभ भर रहे थे लेकिन अब निषाद पार्टी के भाजपा के साथ जाने से उनके सपनों पर पानी फिर सकता है।
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