डीजीपी कार्यालय के पास शव मिलने का मामला, पोस्टमॉर्टम में डूबने से मौत की पुष्टि
लखनऊ। डीजीपी कार्यालय के पास नाले में मिले युवती के शव का गुरुवार को तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। इसमें सिर के बीच गहरा घाव और पेट से नाले की गंदगी के साथ ही डूबने से मौत की पुष्टि हुई है। रेप की आशंका पर डॉक्टरों ने स्लाइड को टेस्ट के लिए फरेंसिक लैब भेजा है। आशंका है कि रेप के बाद सिर पर किसी भारी चीज से वार करके घायल किया और बेहोश होने पर नाले में फेंक दिया गया। इसी वजह से कम पानी में भी डूब गई। हालांकि पुलिस आत्महत्या मानकर छानबीन कर रही है।
युवती के फूफा ने बताया कि मां और बड़े भाई से अनबन के कारण वन विभाग कॉलोनी आने पर उनके पास ही ठहरती थी। 30 मार्च को भी उन्हीं के घर रुकी थी। 31 को दोपहर करीब तीन बजे खुर्रमनगर दादी के घर जाने के लिए निकली थी। शाम पांच बजे तक न पहुंचने की जानकारी पर मोबाइल पर कॉल की गई, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। शाम 6 बजे अचानक फोन बंद हो गया। काफी तलाशने के बावजूद पता न चलने पर रात 11 बजे फूफा ने ही हजरतगंज कोतवाली पहुंचकर तहरीर दी थे। आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर पुलिस ने तलाश तक का प्रयास नहीं किया।
फेसबुक फ्रैंड ने शादी से कर दिया था इनकार
युवती ने डायरी में गाजियाबाद के उदयराज चौधरी से प्रेम प्रसंग का जिक्र किया था। फेसबुक पर उदय से सात महीने पहले दोस्ती के बाद दो महीने पहले घरवालों से शादी करवाने को कहा था। दादी ने उदय से फोन पर बात की तो उसने शादी से इनकार कर दिया था। उदयराज ने बताया था कि पत्नी से तलाक का केस चल रहा है और दूसरी शादी नहीं करेगा। इसके बाद बातचीत कम होने से युवती उलझन में थी। फैजुल्लागंज निवासी दोस्त शुभम दोनों का कॉमन फ्रेंड था। उदय के फोन रिसीव न करने पर वह अक्सर शुभम से कॉल करवाती थी।
12 मार्च की चैटिंग को पुलिस बना रही बचने का हाथियार
पुलिस को शव से कुछ ही दूरी पर कपड़े, फोन, डायरी और चप्पल रखे मिले। युवती के फोन में 1 अप्रैल की सेल्फी भी मिली है। पुलिस का दावा है कि नाले के किनारे मंदिर पर पहुंचकर युवती ने उदय को कॉल की जो रिसीव नहीं हुई। इसपर सेल्फी लेकर भेजी। जवाब न मिलने पर न्यूड फोटो भेजी। फिर भी जवाब न मिलने पर नाले में कूदकर जान दे दी। वहीं, पुलिस सूत्रों के मुताबिक 12 मार्च को आखिरी बार चैटिंग में उदय ने युवती से न्यूड फोटो मांगी और न भेजने पर बातचीत बंद कर दी थी। फोन पर भी उदय ने यही जानकारी दी है, लेकिन अधिकारी पुलिस की लापरवाही से गर्दन फंसने के डर से 12 मार्च की चैटिंग को 1 अप्रैल का बताकर बचने का हथियार बना रहे हैं।
तो शायद बच सकती थी जान?
1 अप्रैल की सुबह 9:32 बजे युवती के नंबर पर दोबारा कॉल करने पर फोन चालू था, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। फूफा के अनुसार फोन चालू होने से स्पष्ट है कि युवती 1 अप्रैल तक जिंदा थी, लेकिन फोन किसी और के हाथ में था जिसने इंटरनेट डेटा बंद कर दिया था। दूसरे दिन फोन चालू होने की जानकारी भी कोतवाली के अफसरों को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि पुलिस ने समय रहते लोकेशन ट्रेस की होती तो युवती बच सकती थी।
रातभर कहां रही युवती?
परिवारीजनों का कहना है कि पुलिस के मुताबिक युवती ने अगर 1 अप्रैल को सुइसाइड किया तो 31 मार्च की रात कहां थी। घरवालों का कहना है कि मांगलिक होने से रिश्ता तय नहीं हो पा रहा था। 2 दिसंबर को चचेरी बहन की शादी थी। इसके पहले 28 नवंबर को युवती ने सोशल मीडिया अपनी शादी की झूठी जानकारी वायरल कर दी थी। इंस्पेक्टर राधा रमण सिंह का कहना है कि उदयराज को पकड़ने के लिए टीम गाजियाबाद रवाना हो गई है। उसके आने के बाद स्थितियां और स्पष्ट होंगी।
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