लखनऊ। एसोसिएशन फाॅर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राईट (एपीसीआर) जो कि दबे-कुचले और वंचित वर्ग को क़ानूनी सलाह देने के लिए हेल्प लाइन, समाजसेवियों के लिए प्रशिक्षण, उत्पीड़ित जनों के क़ानूनी अधिकारों की सुरक्षा-संरक्षा का प्रयास, अन्याय के शिकार लोगों को क़ानूनी सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु प्रोग्राम, शोषण और अन्याय को भारतीय परिदृश्य से मिटाने के लिए कार्यक्रम करती रहती है। इसी क्रम में लखनऊ जेल से 4 निर्धन व्यक्तियों जिनका कोई पैरवी करने वाला नहीं था एपीसीआर द्वारा क़ानूनी कार्रवाई एवं अनथक प्रयास कर के रिहाइ कराई गई। इस अवसर पर एपीसीआर के सेक्रेटरी नजमुस्साकिब ख़ा, जेलर आर. के. मिश्रा जी, डिपटी जेलर हरबंश पाण्डेय, डिप्टी जेलर विनोद कुमार वर्माँ, ज़िला को ऑर्डिनेटर शान-ए-इलाही , सामाजिक कार्यकर्ता रईस अहमद जेल प्रसाशन का भरपूर सहयोग रहा।
यूपी में अब तक 74 बंदियों की रिहाई करा चुका एपीसीआर
एसोेसिएशन के सचिव एडवोकेट नजमुस्साकिब खाँन ने बताया कि चार बंदियों की रिहाई कराई गई है। जिनके नाम सुनील यादव पुत्र वीरू यादव, प्रेम कुमार पुत्र रामनरेस, रवी पुत्र गुलाब, विनय पुत्र कृष्णा नाथ हैं। एपीसीआर प्रयास से प्रदेश के विभिन्न जेलों से अब तक 74 लोगों की रिहाई कराई है, जिनमें 3 महिला कै़दी भी शामिल हैं। इस अवसर पर सभी रिहा कराए गए क़ैदियों से शपथ ली गई कि अब वे समाज में सुलिझे हुए और जरित्रवान व्यक्ति के रूप में अपना जीवन व्यतीत करेंगे और समाज की मुख्य धारा में रहते हुए काम करेंगे।पीसीआर लखनऊ और उसके आस-पास के इलाकों के लगभग 2 दर्जन केसेज़ में क़ानूनी मदद कर रही है।
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