भुवनेश्वर/चेन्नै। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट पर दस्तक देने वाले समुद्री तूफान का असर तटीय राज्यों तक ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड से लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी तक देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने फानी को लेकर हाई अलर्ट किया हुआ है, विभाग के अनुसार ओडिशा के पुरी में इस तूफान का लैंडफॉल हो सकता है। ओडिशा में शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है और तटीय जिलों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। Fani लेकर मौसम विभाग (IMD) ने यूपी के किसानों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग से जारी चेतावनी में कहा गया है कि राज्य में 2 और 3 मई को तेज हवा व बारिश हो सकती है।
बता दें कि चक्रवाती तूफान फानी आंध्र प्रदेश में फानी ने दस्तक दे दी है। वहां तटीय जिले श्रीकाकुलम के एक गाव में बारिश शुरू हो गई है। बता दें कि ये उन्हीं अन्य तीन क्षेत्रों गोदावरी, विशाखापट्टनम, विजयनगरम में से एक है जहां चक्रवाती तूफान फानी को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। आंध्र प्रदेश राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम Cyclone Fani के मद्देनजर इचाकपुरम, श्रीकाकुलम पहुंच गई है। भारतीय एयरपोर्ट एयॉरिटी ने भी तटीय इलाकों में अलर्ट जारी कर सभी तरह की सावधानियां और सर्च ऑपरेशन तुरंत लागू किया जाने का निर्देश दिया है।
भुवनेश्वर मौसम विभाग के अधिकारी एच आर बिसवा ने कहा कि आज ओडिशा के दक्षिण तटीय इलाकों आंतरिक ओडिशा के आसपास के इलाकों में भारी या उससे कही अधिक मात्रा में बारिश हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि कल 11 तटीय जिलों के साथ-साथ आंतरिक जिलों में भारी से बहुत ज्यादा वर्षा होगी। दक्षिण पूर्व रेलवे दो और विशेष ट्रेनें पुरी से आज दोपहर 3 बजे और 6 बजे हावड़ा के लिए शुरू करेगा। इस ट्रेन का स्टॉप भुवनेश्वर, कटक, जाजपुर, केंदुझर रोड, भद्रक, बालासोर और खड़गपुर होंगे।
तूफान के चलते मौसम विभाग ने ओडिशा में ‘यलो अलर्ट’ जारी किया हुआ है। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और झारखंड में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी है। ओडिशा प्रशासन राहत कार्यों की तैयारियों में लगा हुआ है। राज्य में फायर सर्विसेज को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। साथ ही भुवनेश्वर में लगभग 50 टीमें अलर्ट पर हैं।
12 बजे से शुरू होगी विशेष ट्रेन
पूर्व मध्य जोन से गुरुवार को रेलवे आरक्षित और अनारक्षित बर्थ वाली एक विशेष ट्रेन आज दोपहर 12 बजे पुरी से शुरू करेगा। ये ट्रेन शालीमार.शर्त रोड, भुवनेश्वर, कटक, जाजपुर, केंदुझर रोड, भद्रक, बालासोर और खड़गपुर तक जाएगी। ट्रेन दोपहर करीब 1:30 बजे भुवनेश्वर पहुंचेगी।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड़ में भी अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि फानी का असर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी दिख सकता है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए चेतावनी भी जारी कर दी है।
रद हुई 81 ट्रेनें
रेलवे ने भी फानी के कारण लगभग 81 ट्रेनों को रद कर दिया है। फानी ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लगभग 15 जिलों को प्रभावित कर सकता है। रेलवे ने कहा कि वो टिकट के पूरे पैसे वापस करेंगे अगर निर्धारित तिथि से तीन दिनों पहले टिकट लिए गए होंगे। जिन ट्रेनों को रद किया गया है, उनमें हावड़ा-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस, पटना-एरनाकुलम एक्सप्रेस, नई दिल्ली-भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा-हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-रामेश्वरम एक्सप्रेस शामिल हैं। सभी प्रमुख स्टेशनों के खानपान स्टॉल पर पर्याप्त मात्रा में सूखी खाद्य वस्तुएं, जनता खाना और पानी की बोतलें उपलब्ध कराई जा रही हैं। रेलवे अधिकारी ने कहा कि ट्रेनें रद्द होने के कारण यात्रियों को किसी तरह की असुविधा का सामना ना करना पड़े इसके लिए लोकल ट्रांसपोर्ट को सड़क वाहनों को किराए पर लेने के लिए अनुबंधित किया जाना चाहिए।
हाई अलर्ट पर सुरक्षा बल
अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। फानी के चलते नेवी कोस्ट गार्ड और एयरफोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) और अग्निशमन कर्मियों को प्रशासन की सहायता के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया गया है और तटीय जिलों में 8 लाख से अधिक लोगों को चक्रवात ‘फानी’ के कारण लोगों को निकाला जा रहा है। ज्वाइंट टाइफून वार्निंग सेंटर (JWTC) के पूर्वानुमान के अनुसार, 1999 के भयंकर चक्रवात के बाद फानी सबसे भयंकर चक्रवाती तूफान है। तब चक्रवाती तूफान ने ओडिशा के करीब 10,000 लोगों और बड़े हिस्से को तबाह कर दिया था। कहा जा रहा है कि फानी 3 मई तक जगन्नाथ पुरी पहुंच सकता है।
मुख्यमंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा
राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि गुरुवार शाम तक लगभग आठ लाख लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। यह देखते हुए कि हर जीवन कीमती है, मुख्यमंत्री ने प्रशासन को सभी लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों से बाहर निकालने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासनों से मुफ्त रसोई चलाने को भी कहा है। साथ ही राज्य में 15 मई तक के लिए सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद कर दी गई है। तटीय और दक्षिणी जिलों में 880 चक्रवात आश्रयों को तैयार रखा गया है। साथ ही गजपति और रायगडा जैसे जिलों में, जहां ऐसी सुविधाएं मौजूद नहीं हैं वहा लोगों को स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में रखा जाएगा।
चुनाव आयोग ने भी हटाई आचार आदर्श संहिता
राज्य सरकार नें फानी के अलर्ट के चलते चुनाव आयोग से मांग की थी कि राज्य से आदर्श आचार संहिता को हटा दिया जाए। चुनाव आयोग ने बुधवार को इसे मंजूरी दे दी है। चुनाव अधिकारी सुरेंद्र कुमार ने कहा कि जगतसिंहपुर और गजपति जिलों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएदा। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसकी वीडियोग्राफी भी की जाएगी।
तेल कंपनियों को भी निर्देश जारी
उच्च शिक्षा विभाग ने गंजम, गजपति, पुरी, खुर्दा, नयागढ़, कटक, जाजपुर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, बालासोर और मयूरभंज जिलों में सभी राज्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को दो मई से तीन दिनों तक बंद रखने का निर्देश दिया है। साथ ही तेल कंपनियों से कहा गया है कि वह केरोसिन, पेट्रोल और डीजल को पर्याप्त मात्रा में संग्रहित कर के रखे ताकि बचाव और राहत के प्रयास प्रभावित न हों।
पहले भी ओडिशा में आ चूके है चक्रवाती तूफान
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सूत्रों ने कहा कि फानी 43 साल में भारत के समुद्री इलाके में अप्रैल में आई इस तरह का गंभीर पहला चक्रवाती तूफान है। गर्मियों के दौरान इस तरह के चक्रवाती तूफान का बहुत कम पैदा होते हैं। आमूमन सितंबर-नवंबर में मानसून के बाद इस तरह की घटनाएं देखी जाती है
क्षेत्रीय मौसम विभाग भुवनेश्वर के पूर्व निदेशक शरत साहू ने कहा कि ओडिशा में 1893, 1914, 1917, 1982 और 1989 में गर्मियों के दौरान चक्रवाती तूफान का सामना किया था। लेकिन, उन चक्रवाती तूफानों ने राज्य के लिए थोड़ी परेशानी खड़ी की थी। बंगाल की खाड़ी के बेस के गर्म होने के कारण अब इस चक्रवात का निर्माण हुआ है। बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग के कारण हमें ऐसी घटनाओं के लिए तैयार रहना होगा।
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