नोएडा।गौतमबुद्धनगर – साइकिल का पहिया, ठेले का जोड़, हैंडल स्कूटर का और मोटर हीरो होंडा की, इनमें न हेड लाइट है और न बैक लाइट। इन वाहनों को चलाने के लिए न लाइसेंस चाहिए और न ही किसी परमिट की दरकार होती है। यह तस्वीर है शहर में चल रहे जुगाड़ से बने वाहनों की। सब्जी बाजार हो या मुर्गा मंडी, हर जगह इन जुगाड़ वाहनों को फरार्टा भरते देखा जा सकता है। शहर के सीमावर्ती इलाकों में जुगाड़ का दूसरा नजारा ट्रैक्टरों के पीछे लगी ट्राली का दिख जाता है। नियम-कानून को रौंद रहे इन वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। ऐसे में यह जुगाड़ बाकी वाहनों के लिए भारी मुसीबत साबित हो रहे हैं वास्तविकता यह है कि सुविधाओं का यह जुगाड़ खतरनाक सड़क दुर्घटनाओं की बड़ी वजहों में शुमार है।शहर में इन जुगाड़ों के परिचालन पर पूरी तरह पाबंदी
है। ट्रैफिक पुलिस या परिवहन विभाग के जब्त करने पर इन वाहनों को छुड़ाने कोई नहीं आता है। वहीं, सच्चाई यह है कि इनके खिलाफ कार्रवाई भी यदाकदा ही होती है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी और परिवहन विभाग के अधिकारी इन्हें देखकर भी अनजान बने रहते हैं। कार्रवाई के नाम पर कभी-कभार अभियान चलता है और कुछ वाहनों को जब्त कर तोड़ दिया जाता है। इसके कुछ दिनों बाद सड़कों पर फिर से जुगाड़ दौड़ने लगते हैं।फूलमंडी और सब्जी मंडी के बाहर अक्सर दौड़ते दिख जाएंगे इस तरह के जुगाड़ वाहन फेस 2 स्थित फूलमंडी और सब्जी मंडी के बाहर यह जुगाड़ वाहन ढेरों की संख्या में दौड़ते हुए दिख जाएंगे। यहां किसान खेतों से फसल और फूलों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में लादकर लाते हैं और कॉलोनी के फुटकर सब्जी और फूल विक्रेता ठेले में जुड़े स्कूटर रूपी जुगाड़ पर सब्जी लादकर कॉलोनियों की ओर कूच कर जाते हैं। वहीं, यह जुगाड़ वाहन सेक्टर 8, सेक्टर 9, सेक्टर 10, भंगेल, गिझौड़ समेत विभिन्न मार्केट में देखने को मिल जाते हैं। इन पर कार्रवाई के बजाए यहां खड़े ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों की नजर अन्य वाहनों पर लगी रहती है।जुगाड़ वाहनों से शहर में फैल रहा प्रदूषण शहर की सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे जुगाड़ वाहनों के पास न तो रजिस्ट्रेशन और न ही इंश्योरेंस होता है। इसके अलावा केरोसिन और डीजल से चल रहे जुगाड़ वाहन पूरे वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। इन वाहनों से कार्बन डाइ आक्साइड की मात्रा काफी बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद भी शहर की मुख्य सड़कों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक बेधड़क जुगाड़ वाहनों का परिचालन हो रहा है।जुगाड़ वाहन से सरकारी राजस्व की भी क्षति एक तो इन वाहनों का उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए किया जा रहा है। साथ ही उस पर जम कर ओवर लोडिंग भी की जा रही है। इससे सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। अवैध जुगाड़ वाहन के परिचालन से वैध व्यावसायिक वाहनों के संचालकों का भी धंधा ठप पड़ रहा है। जिस वाहन के परिचालन के एवज में नियमित टैक्स का भी भुगतान करना पड़ता
है।अभियान चलाकर होती है कार्रवाई: एसपी ट्रैफिक एसपी ट्रैफिक अनिल कुमार झा ने बताया कि शहर में जुगाड़ वाहन चलने पर प्रतिबंध है। इन वाहनों से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। समय-समय पर ऐसे वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है और इन वाहनों को जब्त कर चालान किया जाता है।जुगाड़ वाहनों पर होती है कार्रवाई : हिमेश तिवारी एआरटीओ प्रवर्तन हिमेश तिवारी ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा चल रहे चेकिंग अभियान के दौरान अगर कोई जुगाड़ वाहन मिल जाता है। ऐसे वाहनों को तुरंत सीज कर लिया जाता है।इस कारण बन रहे जुगाड़ी वाहन, जुगाड़ी रिक्शा-रेहड़ी को चलाने वाले के पास कोई लाइसेंस नहीं होता है।इन व्हीकल में बाइक का इंजन फिट होने पर रफ्तार तो तेज होती है, लेकिन कंट्रोलिंग के यंत्र केवल खानापूर्ति होते हैं। हेडलाइट, बैक लाइट, इंडीगेटर, रिफ्लेक्टर और यहां तक कि व्हीकल नंबर भी नहीं लगे होते हैं।
Post Top Ad
Monday 20 May 2019
नोएडा ,न लाइसेंस, की चिंता न परमिट की टेंसन बेलगाम दौड़ रहे जुगाड़ वाहन
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment